पाँच दिन बाद अरविन्द सर फिर आए। इन पाँच दिनों में मैं हर पल उनकी याद में डूबी थी। मेरी गान्ड का दर्द अब ठीक हो चुका था, लेकिन वो पहला अनुभव मेरे दिमाग में आग की तरह सुलग रहा था। हर रात मैं उन गंदी कहानियों और सीडी को याद करती, और मेरी चूत इतनी गीली हो जाती कि पैंटी बदलनी पड़ती। मैं अपनी उंगलियों से अपनी चूत रगड़ती, “ऊँह… सर… तेरा लंड चाहिए…” की सिसकारियाँ निकालती। मैं जानती थी कि सर ने मुझे और गर्म करने के लिए ही इतने दिन का गैप लिया।
कहानी का पिछला भाग: सेक्स की कहानियाँ पढ़ा कर टीचर ने चोदा – भाग 1
जब सर आए, मम्मी ने पूछा, “अरविन्द जी, आप पाँच दिन से क्यों गायब थे? सब ठीक तो है?” सर ने बनावटी गंभीरता से कहा, “जी, मैडम। थोड़ी तबीयत खराब थी, इसलिए नहीं आ पाया।” लेकिन मैं उनकी चाल समझ रही थी। उनकी आँखों की चमक बता रही थी कि वो मुझे चुदाई के लिए और तड़पाना चाहते थे। और मैं? मैं तो तैयार थी, बल्कि पागल थी। मेरे दिल में आग लगी थी, क्योंकि मुझे पता था कि आज मेरी चूत की सुहागरात होने वाली है।
ट्यूशन शुरू हुआ। सर मेरे सामने बैठे, किताब खोली, और पढ़ाने का ढोंग करने लगे। लेकिन उनकी नजरें मेरे टाइट कुर्ते पर थीं, जो मेरे 30 इंच के बूब्स को चिपककर और उभार रहा था। मैंने जानबूझकर पतली सलवार पहनी थी, ताकि मेरे 34 इंच के हिप्स का हर कर्व दिखे। दुपट्टा मैंने ढीला छोड़ा था, ताकि सर मेरे क्लीवेज को ताड़ सकें। उनकी आँखें मेरी जाँघों पर फिसल रही थीं, और मैं अंदर ही अंदर सिहर रही थी। मेरी चूत पहले से ही गीली थी, और मैं उनकी हर नजर को अपने बदन पर महसूस कर रही थी।
तभी मम्मी ने बाहर से आवाज लगाई, “नीलम, मैं मार्केट जा रही हूँ। डेढ़-दो घंटे में लौटूँगी।” ये सुनते ही मेरे और सर के चेहरों पर शैतानी मुस्कान तैर गई। मैंने शरमाते हुए सर की ओर देखा। उनकी आँखों में वही जंगली भूख थी, जो मुझे दीवाना कर देती थी। मम्मी के जाते ही सर ने किताब फेंकी और बोले, “नीलम, अब असली खेल शुरू होगा। आज तेरी चूत की बारी है, रंडी।”
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उनके मुँह से “रंडी” सुनकर मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया। मैंने शरारत से कहा, “सर, आज क्या सिखाएँगे? मेरी चूत को लंड का स्वाद चखाएँगे न?” सर हँस पड़े और बोले, “साली, तू तो पहले से ही गर्म हो रही है। चल, आज तुझे ऐसी चुदाई करूँगा कि तू हर रात मेरे लंड के सपने देखेगी।”
सर ने अपनी जेब से एक नई सीडी निकाली और बोले, “पहले ये देखते हैं। तूने जो सीडी देखी थी, उससे दस गुना गंदी है ये।” मैंने शर्माते हुए कहा, “सर, आपके साथ देखूँ?” वो बोले, “हाँ, साली। आज तुझे और मुझे एक साथ गर्म होना है।” मैंने डीवीडी प्लेयर ऑन किया, और सर मेरे पास सोफे पर बैठ गए। उनकी जाँघ मेरी जाँघ से टच हो रही थी, और मैं सिहर रही थी।
सीडी शुरू हुई। स्क्रीन पर एक देसी लड़की थी, जिसे दो मर्द नंगा करके उसकी चूत और गान्ड चाट रहे थे। वो चिल्ला रही थी, “आहह… चोदो मुझे… मेरी चूत फाड़ दो!” एक मर्द ने उसका मुँह अपने लंड से भर दिया, और दूसरा उसकी गान्ड में लंड पेल रहा था। मैं इतना गर्म हो गई कि मेरी साँसें तेज हो गईं। मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी। सर ने मेरी जाँघ पर हाथ रखा और बोले, “नीलम, कैसी लग रही है फिल्म?” मैंने काँपते हुए कहा, “सर… बहुत गंदी है… लेकिन मजा आ रहा है।”
सर ने मेरे कुर्ते के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने शुरू किए और बोले, “साली, तू तो पहले से ही बह रही है।” मैंने शरारत से कहा, “हाँ, सर। आपका लंड देखने को बेताब हूँ।” सर ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर से चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई, और मैं उनकी साँसों की गर्मी में डूब गई। “ऊँह… सर…” मैं सिसकार उठी।
सर ने मेरा कुर्ता खींचकर उतार दिया। मेरी वाइट ब्रा में मेरे बूब्स उभरे हुए थे। वो बोले, “नीलम, तेरे दूध कितने रसीले हैं। इनको चूसकर बड़ा कर दूँगा।” उन्होंने मेरी ब्रा खोल दी, और मेरे निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे निप्पल्स पर फिसल रही थी, और मैं चिल्ला उठी, “आहह… सर… चूसो… मेरे बूब्स खा जाओ!”
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सर ने मेरी सलवार का नाड़ा खींचा और उसे उतार फेंका। मेरी गुलाबी पैंटी उनके सामने थी, जो मेरे गीलेपन से चिपक रही थी। सर ने मेरी पैंटी को सूंघा और बोले, “साली, तेरी चूत की खुशबू तो जहर है।” उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत को देखकर बोले, “क्या मस्त चूत है, नीलम! एकदम टाइट, गुलाबी!” उनकी जीभ मेरी चूत के होंठों पर फिसली, और मैं चीख पड़ी, “आहह… सर… चाटो… मेरी चूत खा जाओ!”
उनकी जीभ मेरे क्लिट को रगड़ रही थी, और मैं बेकाबू हो रही थी। मैंने उनके बाल पकड़े और उनकी जीभ को अपनी चूत में दबाया। “सर… और गहरे… मेरी चूत चूस लो!” सर ने मेरी जाँघें चौड़ी कीं और मेरी चूत को चूसने लगे। उनकी जीभ मेरी चूत के अंदर तक जा रही थी, और मैं सिसकार रही थी, “आहह… सर… मैं मर जाऊँगी…!”
सर ने मुझे सोफे पर लिटाया और अपनी शर्ट उतार दी। उनकी चौड़ी छाती और मर्दाना बदन देखकर मेरी चूत और गीली हो गई। उन्होंने अपना पैंट और अंडरवियर उतारा, और उनका 7 इंच का मोटा लंड मेरे सामने फनफना रहा था। मैंने उसे पकड़ा और रगड़ने लगी। सर बोले, “साली, इसे चूस। दिखा कितनी गंदी रंडी है तू!” मैंने उनके लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी। उसकी गर्मी और मर्दाना गंध ने मेरे होश उड़ा दिए। मैंने उनकी गोटियों को सहलाया और जीभ से उनके लंड के टिप को चाटा। सर चिल्ला उठे, “आहह… नीलम… साली… तू तो जन्मजात लंड चूसने वाली है!”
मैंने जोश में कहा, “हाँ, सर! तेरा लंड मेरी जान है! इसे पूरा खा जाऊँगी!” सर ने मेरे बाल पकड़े और मेरा मुँह अपने लंड पर दबाया। मैं उनके लंड को गले तक ले रही थी, और वो सिसकार रहे थे, “आहह… नीलम… तू मेरी पर्सनल रंडी है!”
फिर सर बोले, “चल, साली। अब 69 करते हैं।” उन्होंने मुझे पलटा, और मेरी चूत उनके मुँह के सामने थी, जबकि उनका लंड मेरे मुँह में। टीवी पर अभी भी वो गंदी फिल्म चल रही थी, और लड़की चिल्ला रही थी, “चोदो… मेरी गान्ड फाड़ दो!” हम दोनों एक-दूसरे को चूस रहे थे। उनकी जीभ मेरी चूत में थी, और मैं उनके लंड को चाट रही थी। “ऊँह… आहह…” हमारी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।
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करीब 25 मिनट बाद सर ने मुझे सीधा लिटाया और मेरी टाँगें चौड़ी कीं। बोले, “नीलम, अब तेरी चूत की सुहागरात है। तैयार है, रंडी?” मैंने जोश में कहा, “हाँ, अरविन्द! मेरी चूत को अपने लंड से फाड़ दे! मुझे अपनी रंडी बना!” सर ने मेरे होंठ चूमे और बोले, “साली, आज तुझे चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा।”
उन्होंने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी चूत के मुहाने पर रखा। मैं काँप रही थी। सर ने धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी चूत में डाला। मैं दर्द से चीख पड़ी, “आहह… सर… निकालो… मर गई मैं!” मेरी चूत से थोड़ा खून निकला, और मैं रोने लगी। सर ने मेरे माथे को चूमा और बोले, “नीलम, बस थोड़ा दर्द है। अब तुझे जन्नत दिखाऊँगा।”
उन्होंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “फच… फच…” की आवाज गूँजने लगी। दर्द धीरे-धीरे कम हुआ, और एक जंगली मजा मेरे बदन में दौड़ने लगा। मैं चिल्ला उठी, “ऊँह… सर… और चोदो… मेरी चूत फाड़ दो!” सर ने स्पीड बढ़ा दी। उनका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। वो मेरे बूब्स दबाते हुए बोले, “साली, तेरी चूत कितनी टाइट है! तू तो मेरे लंड की दीवानी हो जाएगी!”
मैंने जोश में कहा, “हाँ, अरविन्द! तेरा लंड मेरी चूत का मालिक है! चोद… और जोर से चोद!” सर ने मेरे निप्पल्स काटे और बोले, “नीलम, तू मेरी पर्सनल रंडी है। बोल, कितने लंड लेगी?” मैंने गंदी बातों में डूबते हुए कहा, “सर, बस तेरा लंड चाहिए! मेरी चूत और गान्ड दोनों तेरे लिए हैं!”
करीब 35 मिनट तक सर ने मेरी चूत चोदी। बीच-बीच में वो मेरे बूब्स चूसते, मेरी गान्ड पर थप्पड़ मारते। फिर बोले, “चल, साली। अब कुतिया बन।” मैंने कुतिया की पोजीशन ली, और सर ने मेरी चूत में पीछे से लंड पेल दिया। मैं चिल्ला रही थी, “आहह… सर… और गहरे… मेरी चूत को चीर दो!” सर ने मेरी गान्ड पर जोर से थप्पड़ मारा और बोले, “नीलम, तेरी गान्ड और चूत मेरे लंड की गुलाम हैं!”
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“फच… फच…” की आवाज के साथ सर के धक्के और तेज हो गए। मैंने कहा, “सर, मेरी गान्ड भी चोदो! दोनों छेद भर दो!” सर ने मेरी गान्ड पर थूक लगाया और अपना लंड मेरी गान्ड में डाला। मैं सिसकार उठी, “आहह… सर… मेरी गान्ड फाड़ दो!” सर ने मेरी चूत में उंगलियाँ डालीं और मेरी गान्ड में लंड पेलते रहे। वो बोले, “साली, तू तो पूरी पोर्न स्टार है!”
तभी मेरी चूत से गर्म पानी निकलने लगा। मैं झड़ गई। “आहह… सर… मैं गई…!” सर बोले, “नीलम, मेरा भी रस निकलने वाला है!” उन्होंने मेरी गान्ड से लंड निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया। “चूस, साली!” मैंने उनके लंड को चूसा, और उनका गर्म रस मेरे मुँह में भर गया। मैंने उसे चाट लिया। सर ने मेरे बूब्स पर बाकी रस छोड़ा और उसे चाटकर साफ किया।
हम दोनों हाँफ रहे थे। टीवी पर अभी भी फिल्म चल रही थी। सर ने मुझे बाहों में लिया और बोले, “नीलम, तू मेरी पक्की रंडी है। अगली बार तुझे और गंदी चुदाई दूँगा।” मैंने शरारत से कहा, “सर, अगली बार मेरी चूत और गान्ड दोनों एक साथ चोदना।” सर हँस पड़े और बोले, “साली, तू तो मेरे लंड की भूखी हो गई है।”
हमने जल्दी से कपड़े पहने, क्योंकि मम्मी के आने का वक्त हो रहा था। सर ने मुझे एक और सीडी दी और बोले, “इसे देखना। अगली बार और गंदी बातें करेंगे।”
ये मेरी चूत की सुहागरात थी।
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