पहली बार जब की चूत में उंगली

chut fingering sex story हेलो दोस्तों, मेरा नाम मंजू देवी है। मैं हरियाणा में रहती हूँ। ये मेरी पहली हिंदी सेक्स कहानी है, जो मेरे साथ सचमुच घटी। उस रात के बाद मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। ये एक सच्ची कहानी है, जिसे मैं आप सबके साथ शेयर करने जा रही हूँ। तो चलिए, शुरू करते हैं।

मेरी फैमिली में मेरी मम्मी, डैडी, मेरे भैया और मेरी भाभी हैं। मेरे घर में तीन कमरे हैं। दो कमरे नीचे हैं और एक कमरा ऊपर है, जिसमें अटैच्ड बाथरूम है। ऊपर वाले कमरे में मेरे भैया और भाभी रहते हैं। एक कमरे में मम्मी-डैडी और एक कमरे में मैं रहती हूँ। मेरे डैडी रेलवे में जॉब करते हैं और भैया आर्मी में हैं। इस वजह से भैया साल में सिर्फ 2-3 महीने के लिए घर आते हैं।

जब भैया आर्मी में चले जाते हैं, तो मैं ज्यादातर समय अपनी भाभी सुनिता के साथ बिताती हूँ। हम दोनों ऊपर उनके कमरे में एक साथ सोते हैं। मैंने अपना सारा स्टडी का सामान भी उनके कमरे में ही सेट किया हुआ है। रात को हम 11 बजे तक सो जाते थे। मैं 10:30 बजे तक पढ़ाई करती थी और फिर आधा घंटा भाभी के साथ गप्पे मारती थी। बातें करते-करते कब नींद आ जाती थी, पता ही नहीं चलता था। मैं भाभी को अपनी सहेली की तरह मानती थी। हम दोनों अपनी सारी बातें शेयर करते थे, चाहे वो छोटी हो या बड़ी।

ऐसे ही दिन बीतते रहे। एक रात, हमेशा की तरह मैं और भाभी 11 बजे सो गए थे। लेकिन उस रात करीब 1 बजे मेरी आँख खुल गई। अचानक मुझे भाभी की मादक आवाजें सुनाई दीं। “आह्ह… ओह्ह… आह्ह्ह… अह्ह…” उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मुझे लगा कि भाभी कुछ कर रही हैं। मैंने चुपके से कम्बल के नीचे से उनकी तरफ देखा।

जो मैंने देखा, उससे मेरे होश उड़ गए। भाभी पूरी नंगी थीं और मेरे भैया उनके ऊपर चढ़े हुए थे। भाभी बिस्तर पर लेटी हुई थीं और भैया अपनी कमर को तेजी से हिला रहे थे। उनका लंड भाभी की चूत में बार-बार अंदर-बाहर हो रहा था। “थप-थप-थप” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। भाभी की सिसकारियाँ और तेज हो गई थीं, “आह्ह… हाय… भैया… और जोर से… आह्ह…” भैया उनके बड़े-बड़े गोरे चूचे अपने मुँह में लेकर चूस रहे थे। भाभी की साँसें बीच-बीच में अटक रही थीं, जैसे वो हर धक्के का मजा ले रही हों।

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मैं ये सब देखकर सन्न रह गई। मेरी क्लास की सहेलियों से मैंने ऐसी बातें सुनी तो थीं, लेकिन असल में ऐसा देखना मेरे लिए पहली बार था। भैया भाभी को जोर-जोर से चोद रहे थे। भाभी की चूत पूरी गीली थी, और हर धक्के के साथ “चप-चप” की आवाज आ रही थी। भाभी की सिसकारियाँ अब और तेज हो गई थीं, “आह्ह… ओह्ह… हाय… रे… और जोर से… मेरी चूत को फाड़ दो…” भैया ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। उनका लंड, जो करीब 7 इंच लंबा और मोटा था, भाभी की चूत में गपागप अंदर-बाहर हो रहा था।

मैं चुपके से ये सब देख रही थी। मेरा शरीर गर्म होने लगा था। मेरी साँसें तेज हो रही थीं और दिल की धड़कन बढ़ गई थी। भैया ने भाभी के चूचों को अपने हाथों से मसलना शुरू किया। भाभी की गोल-मटोल गांड बिस्तर पर रगड़ रही थी। वो बार-बार अपनी कमर उठाकर भैया के धक्कों का जवाब दे रही थीं। “हाय… भैया… कितना मजा आ रहा है… आह्ह… तुम्हारा लंड मेरी चूत को जन्नत दिखा रहा है…” भाभी की आवाज में एक अजीब सा नशा था।

करीब 15 मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा। फिर अचानक भैया ने अपनी स्पीड और तेज कर दी। पूरा बिस्तर हिलने लगा। “थप-थप-थप” की आवाज और तेज हो गई। भाभी की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गई थीं, “आह्ह… हाय… मार डाला… ओह्ह… और जोर से… मेरी चूत फट रही है…” शायद वो भूल गए थे कि मैं उनके बगल में ही लेटी हूँ। तभी भैया रुक गए। उन्होंने अपना लंड भाभी की चूत से बाहर निकाला और उनके ऊपर से उठकर खड़े हो गए।

मैंने चुपके से भैया का लंड देखा। वो बहुत बड़ा और मोटा था। मैंने आज पहली बार किसी मर्द का लंड देखा था। उसकी नसें फूली हुई थीं और टोपा गुलाबी था। भाभी की चूत से उनका पानी टपक रहा था। फिर भैया और भाभी ने अपने कपड़े पहने और सो गए। कुछ देर बाद दोनों गहरी नींद में थे, लेकिन मेरी नींद उड़ चुकी थी।

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ये सब देखकर मेरी हालत खराब हो गई थी। मेरा शरीर गर्म हो रहा था। मेरी सलवार के पास मेरा हाथ चला गया। मैंने छूकर देखा तो मेरी पैंटी पूरी गीली थी। मैंने अपनी चूत पर हाथ लगाया। वो पूरी तरह से गीली हो रही थी और उसमें से एक अजीब सी खुशबू आ रही थी। मैंने अपनी पैंटी उतार दी और धीरे-धीरे अपनी चूत को सहलाने लगी। वो पानी चिपचिपा था, जिससे मुझे मजा आने लगा।

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मैंने धीरे से अपनी एक उंगली अपनी चूत में डाली। मेरे पूरे शरीर में जैसे करंट दौड़ गया। मैं कांप उठी। ये मेरे साथ पहली बार हो रहा था। मुझे कुछ समझ नहीं आया, लेकिन उस मजे ने मुझे एक अलग सी खुशी दी। मैंने फिर से उंगली अंदर डाली और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगी। मुझे और ज्यादा मजा आने लगा। मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई थीं। मैं भाभी की तरह सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… ओह्ह… हाय…” मेरी आवाज धीमी थी, ताकि भैया-भाभी न जाग जाएँ।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। मेरी चूत पूरी गर्म हो गई थी। मेरा शरीर अकड़ने लगा। तभी अचानक मेरी चूत से पानी की धार निकल पड़ी। वो पानी बहुत चिपचिपा था और उसकी खुशबू भी अच्छी थी। मैंने अपने हाथ पैंटी से साफ किए, सलवार ठीक की और सो गई। उस रात मुझे बहुत अच्छी नींद आई।

सुबह मैं देर से उठी, जिसकी वजह से मैं कॉलेज नहीं जा सकी। मैंने भाभी से पूछा, “भैया कहाँ हैं? वो रात को आए थे?” भाभी ने कहा, “वो तो किसी काम से रात को आए थे। सुबह 5 बजे ही चले गए।” मैं बाथरूम में नहाने गई। वहाँ मैंने अपनी चूत को देखा। वो पूरी गुलाबी थी। मेरी चूत पर अभी बाल नहीं आए थे, इसलिए वो और भी सुंदर लग रही थी। मेरी चूत गोरी-गोरी थी, जैसे दो डबल रोटी। मैं खुद को देखकर शरमा गई। मेरे गाल लाल हो गए।

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मैंने अपनी चूत पर सफेद दाग देखा। मुझे समझ आ गया कि ये रात के पानी का है। फिर मैंने अपनी पैंटी देखी, उस पर भी दाग था जो अब सूखकर सख्त हो गया था। मैंने नहाते वक्त एक बार फिर अपनी चूत को सहलाया और पानी निकाला।

अब मुझे समझ आ गया था कि लड़के लड़कियों में क्या देखते हैं। इसके बाद मैं अपने आपको अच्छे से तैयार करने लगी। मैं नहाने में एक घंटा और तैयार होने में एक घंटा लगाने लगी। मैं शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देखती रहती थी। मैं सोचती थी, “भाभी में ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं है?”

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मेरे होंठ बहुत सुंदर हैं। पतले-पतले, गहरे गुलाबी रंग के और बहुत सॉफ्ट। मेरे बाल लंबे, घने और गहरे काले हैं। ओवरऑल मैं बहुत सेक्सी और खूबसूरत हूँ। अब जब भी मेरा मन करता था, मैं अपनी चूत को उंगली से शांत कर लेती थी। मैं अपने चूचों और गांड की उस पानी से मालिश करती थी, जिससे उनकी शेप और भी अच्छी होने लगी थी।

दोस्तों, ये सब उस रात का कमाल था। उस रात से मेरी जिंदगी बदल गई। तो आप सबको मेरी सच्ची हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट करके जरूर बताएँ।

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