Sex ke liye tadapti bahan – हेलो दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है। आज मैं आपको अपनी जिंदगी की वो पहली बार की कहानी सुनाने जा रही हूँ, जब मैंने सेक्स का मजा लिया। मेरे घर में हम चार लोग रहते हैं – मैं, मेरे पापा, मम्मी और मेरा भाई। हम लोग दिल्ली में रहते हैं। पापा एक सरकारी नौकरी में हैं, मम्मी हाउसवाइफ हैं और मेरा भाई मुझसे दो साल छोटा है। अभी मैं 21 साल की हूँ और ये कहानी उस वक्त की है, जब मैं 20 साल की थी और कॉलेज के फर्स्ट ईयर में थी। मेरा भाई उस वक्त 18 साल का था और 12वीं क्लास में पढ़ता था। मैं आपको बता दूँ कि मैं पढ़ाई में काफी तेज थी। 12वीं में मैं अपनी क्लास में दूसरा रैंक लाई थी। उस वक्त मेरा सेक्स में कोई इंटरेस्ट नहीं था।
जब मैंने गर्ल्स कॉलेज में एडमिशन लिया, तब मेरे कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। लेकिन कॉलेज की सहेलियों के साथ रहते-रहते मैंने धीरे-धीरे सेक्स मूवीज देखना शुरू कर दिया। कभी-कभी मेरा भी मन सेक्स करने को करने लगा, लेकिन सवाल था कि करूँ किसके साथ? ना तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड था और अगर बनाती भी, तो पापा का डर रहता था। फिर भी मैंने अपने आप को कंट्रोल किया और सिर्फ उंगली करके ही शांत हो जाती थी। एक दिन की बात है, पापा ड्यूटी पर गए हुए थे, मम्मी पड़ोसियों के साथ शॉपिंग करने गई थीं और मेरा भाई अपने दोस्तों के साथ घूमने गया था। मैं घर में अकेली थी। तभी मेरा मन अचानक से पोर्न मूवी देखने का हुआ। मैंने नेट से कुछ हॉट मूवीज डाउनलोड कीं और देखने लगी।
देखते-देखते मैं गर्म होने लगी। मैंने अपनी टी-शर्ट और पजामा उतार दिया, सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। मैंने लैपटॉप पर एक हार्डकोर मूवी चला रखी थी, जिसमें एक लड़की जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी। मैं भी उंगलियाँ अपनी चूत में डालकर मजे लेने लगी। मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं – “उउउउ… आआआह… उउम्म्म…” मैं पूरी तरह खो चुकी थी। तभी अचानक कमरे का दरवाजा खुला और मेरा भाई अंदर आ गया। उसने मुझे इस हालत में देख लिया। मैं एकदम से डर गई। जल्दी-जल्दी मैंने अपनी पैंटी ऊपर की और टी-शर्ट डालने लगी। मेरा भाई बिना कुछ बोले कमरे से बाहर चला गया।
मैं घबरा गई थी। मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि अब क्या होगा? अगर उसने किसी को बता दिया तो मेरी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। कुछ देर बाद मैं हिम्मत करके उसके कमरे में गई। मैंने धीमी आवाज में कहा, “भैया, प्लीज सॉरी… मैं बस… वो…” मैं शर्मिंदगी से सिर झुकाए खड़ी थी। भाई ने मुझे देखा और बोला, “सोनिया, टेंशन मत ले। मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगा। जो तू कर रही थी, वो तो हर लड़की करती है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं।” मैंने राहत की साँस ली और उसे थैंक्यू बोला। फिर मैंने हल्के मूड में पूछ लिया, “भैया, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?” उसने कहा, “नहीं, मेरी कोई जीएफ नहीं है।” मैंने मजाक में कहा, “तो तुम भी तो हिलाते ही होंगे ना?” उसने हँसते हुए कहा, “हाँ, हिलाकर शांत कर लेता हूँ।”
फिर उसने मुझसे पूछा, “तू बीएफ देखती है ना?” मैंने शर्माते हुए कहा, “हाँ, कभी-कभी देख लेती हूँ।” उसने कहा, “तो चल, मेरे साथ देखेगी?” मैंने चौंककर कहा, “नहीं भैया, हम तो भाई-बहन हैं। ये ठीक नहीं।” उसने कहा, “अरे, टेंशन क्यों ले रही है? बस देखेंगे, कुछ करेंगे नहीं।” मैं थोड़ा हिचक रही थी, लेकिन उसकी बातों में आ गई। मैंने कहा, “ठीक है, लेकिन सिर्फ देखेंगे।” उसने अपने लैपटॉप पर एक मस्त सी पोर्न मूवी लगाई। हम दोनों बेड पर बैठ गए और मूवी देखने लगे। मूवी में एक लड़की और लड़का इतने जोश में थे कि मेरी साँसें तेज होने लगीं।
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मूवी देखते-देखते मेरा भाई अपने पजामे के ऊपर से अपने लंड को सहलाने लगा। मैंने देखा तो चौंक गई और बोली, “भैया, ये क्या कर रहे हो?” उसने कहा, “तू भी तो अपनी चूत में उंगली कर सकती है। इसमें क्या बुराई है?” मैं गर्म हो चुकी थी। मैंने धीरे से अपनी पैंटी में हाथ डाला और उंगली करने लगी। मेरी सिसकारियाँ निकलने लगीं – “उउउउ… आआह…” तभी भाई ने अपना पजामा नीचे खींचा और उसका 7 इंच का लंड बाहर आ गया। वो उसे जोर-जोर से हिलाने लगा। मैं उसका लंड देखकर हैरान थी। इतना मोटा और लंबा लंड मैंने सिर्फ मूवीज में देखा था। मेरी चूत गीली हो चुकी थी।
अचानक मेरे अंदर का डर और शर्म गायब हो गया। मैंने बिना कुछ सोचे भाई का लंड पकड़ लिया। वो चौंका, लेकिन कुछ बोला नहीं। मैंने धीरे-धीरे उसका लंड सहलाना शुरू किया। उसका लंड गर्म और सख्त था। मैंने उसे अपने मुँह में ले लिया। उसका टोपा मेरे मुँह में था और मैं उसे चूस रही थी – “उम्म्म… स्स्स्स…” मैं जोर-जोर से चूसने लगी। भाई की सिसकारियाँ निकल रही थीं – “आआह… सोनिया… उउउ…” मैंने उसका लंड पूरा मुँह में ले लिया और चूसते हुए हिलाने लगी। करीब 10 मिनट तक मैंने उसका लंड चूसा। फिर उसने कहा, “सोनिया, मेरा निकलने वाला है।” मैंने उसका लंड मुँह से नहीं निकाला और उसका सारा पानी पी गई। उसका स्वाद नमकीन और गर्म था।
मैंने भाई को देखा और कहा, “भैया, अब मेरी बारी है। प्लीज, मेरी सील तोड़ दो। मुझे तुम्हारी राखैल बनने दे।” भाई ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरे होंठों पर किस करने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी और मैं भी उसका साथ दे रही थी। वो मेरे बूब्स को टी-शर्ट के ऊपर से दबाने लगा। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स को चूसने लगा। मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं – “आआह… भैया… उउउ…” उसने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे 34 साइज के बूब्स को जोर-जोर से दबाने और चूसने लगा। मेरे निप्पल्स सख्त हो चुके थे। वो मेरे निप्पल्स को दाँतों से हल्का सा काट रहा था, जिससे मेरी चूत और गीली हो रही थी।
करीब आधे घंटे तक हमारी किसिंग और बूब्स दबाने का खेल चला। फिर भाई ने कहा, “सोनिया, अब तेरा बुर चूसता हूँ।” उसने मेरी पैंटी उतारी और मेरी चूत को देखकर बोला, “क्या मस्त चूत है तेरी!” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी – “उउउ… आआह… भैया… और चूसो… उम्म्म…” उसने मेरी चूत के दाने को चूसा और अपनी उंगली अंदर-बाहर करने लगा। मैं पागल हो रही थी। मेरी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंज रही थीं – “उउउउ… आआआह… भैया… उउम्म्म…”
फिर मैंने भाई से कहा, “भैया, अब और मत तड़पाओ। मेरी चूत में अपना लंड डाल दो। मेरी सील तोड़ दो।” भाई ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टाँगें चौड़ी कीं। उसने अपने 7 इंच के लंड का टोपा मेरी चूत पर रगड़ा। मैं सिसकार रही थी – “उउउ… भैया… डाल दो… आआह…” उसने एक जोरदार धक्का मारा और उसका टोपा मेरी चूत में घुस गया। मुझे तेज दर्द हुआ। मैं चिल्लाई – “आआआह… भैया… निकालो… बहुत दर्द हो रहा है…” मेरी चूत से खून निकलने लगा। बेडशीट पर खून के धब्बे पड़ गए। भाई रुक गया और मुझे किस करने लगा। उसने मेरे बूब्स दबाए और मेरे होंठ चूसे। धीरे-धीरे मेरा दर्द कम हुआ।
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फिर उसने एक और जोरदार धक्का मारा। इस बार आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं फिर चिल्लाई – “आआह… भैया… धीरे…” लेकिन भाई रुका नहीं। उसने एक और धक्का मारा और उसका पूरा 7 इंच का लंड मेरी चूत में समा गया। दर्द के साथ-साथ अब मुझे मजा भी आने लगा। भाई धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी। कमरे में चप-चप की आवाजें गूंज रही थीं। मैं सिसकार रही थी – “उउउ… भैया… और जोर से… आआह… चोदो मुझे… उउम्म्म…” भाई ने स्पीड बढ़ा दी और मुझे जोर-जोर से चोदने लगा।
करीब 15 मिनट तक उसने मुझे उसी पोजीशन में चोदा। फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया। मैंने अपने घुटनों पर बैठकर अपनी गांड ऊपर की। भाई ने पीछे से मेरी चूत में लंड डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मैं चिल्ला रही थी – “आआआह… भैया… और जोर से… उउउ… फाड़ दो मेरी चूत… आआह…” उसने मेरी गांड पर हल्के-हल्के थप्पड़ मारे, जिससे मेरा जोश और बढ़ गया। मैं दो बार झड़ चुकी थी। मेरी चूत का पानी बेड पर बह रहा था।
फिर भाई ने कहा, “सोनिया, अब मैं झड़ने वाला हूँ।” मैंने कहा, “भैया, बाहर निकालो, वरना मैं प्रेग्नेंट हो जाऊँगी।” लेकिन भाई ने मेरी बात नहीं मानी और उसने अपना सारा माल मेरी चूत में डाल दिया। उसका गर्म पानी मेरी चूत में महसूस हुआ। हम दोनों हाँफते हुए बेड पर लेट गए। उस रात हमने कई पोजीशन में सेक्स किया। कभी मैं ऊपर थी, कभी वो। हमने 69 पोजीशन में भी एक-दूसरे को चूसा। हर बार जब मौका मिलता, हम चुदाई करते।
अब आप बताइए, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसा कुछ अनुभव किया? कमेंट में जरूर बताएँ।
घर की बात घर में, अच्छा लगा पढ़ कर
Aajkal k mahol me ye safe bhi hai
Kab aaye
Sahi hai
Hai di