Car Sex Story – कहानी का पिछला भाग: मेरी फैंटसी की कहानी मेरी जुबानी – पार्ट 1
हाय, मैं नेहा, हाजिर हूं अपनी कहानी का नया पार्ट लेकर। सबसे पहले तो आप लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया, आपने मेरी पहली कहानी को इतना प्यार दिया। उम्मीद करती हूं कि ये स्टोरी आपको उससे भी ज्यादा मजा देगी। तो आपको बोर न करते हुए कहानी शुरू करते हैं।
पहले थोड़ा अपने बारे में बता देती हूं। मेरा नाम नेहा है और मैं पंजाब से हूं। मेरा रंग सांवला है, हाइट 5.5 फीट है और मेरा फिगर 34-28-32 है। लंबे काले सिल्की बाल हैं जो रिबॉन्ड किए हुए हैं। पतले सॉफ्ट गुलाबी होंठ हमेशा रस से भरे हुए, जो कोई भी देखे, चूसने को बेताब हो जाए। मेरे शरीर का सबसे सेक्सी पार्ट मेरे बूब्स हैं, जो एकदम नैचुरल, सॉफ्ट और गोल-मटोल हैं। इसके बाद मेरी गांड, जो थोड़ी बाहर निकली हुई है और मेरी चाल को और मस्त बनाती है। चाहे कोई मुझे आगे से देखे या पीछे से, लड़कों के लंड में हर तरफ से आग लगा देती हूं।
सेक्स में मेरा खूब इंटरेस्ट है, ज्यादातर वन नाइट स्टैंड या फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स ही मेरे लाइफ में हैं। मैं एक रिच फैमिली से हूं और मां-बाप की इकलौती बेटी हूं, तो किसी चीज की कोई कमी नहीं। ना ही कोई रोक-टोक।
अब कहानी पर आते हैं। तो जैसा कि मैंने बताया, जब मैंने विकी से पूछा कि ऊपर नाइटक्लब में जाकर और ड्रिंक करें या कहीं और, तो उसने कहा, “मेरी गाड़ी में चलो, वहां तुझे ड्रिंक्स के साथ-साथ और भी बहुत कुछ मिलेगा।” मैं उसका इशारा समझ गई थी। वैसे भी वो मुझे बहुत पसंद आ चुका था। उसने मेरे होंठ चूसकर और मेरी गांड मसलकर मुझे चुदने के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया था। जब उसने मेरा हाथ अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड पर रखा था, मैं तो उसी वक्त उस लंड को लेने के लिए बेताब हो गई थी।
मैंने भी हां कर दी और उसके साथ गाड़ी में चलने को तैयार हो गई। हम बाहर आए, उसकी गाड़ी थोड़ी ही दूर पर खड़ी थी। आसपास ना कोई दूसरी गाड़ी थी, ना ही कोई आदमी दिख रहा था। अंधेरा भी काफी हो चुका था और वो जगह थोड़ी सुनसान सी थी। आखिरकार हम दोनों गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गए। वो मेरे बिलकुल पास आकर बैठा, इतना करीब कि उसकी जांघ मेरी जांघ से सट रही थी। हमने एक-एक पेग व्हिस्की का लगाया, जिसने मुझे पूरी तरह हिला दिया। मेरे सिर में हल्की सी चक्कर थी, लेकिन मजा भी आ रहा था।
विकी ने मौके का फायदा उठाया और अपना एक हाथ मेरी जांघों पर रख दिया। धीरे-धीरे वो मेरी जांघों को सहलाने लगा। मुझे उसका स्पर्श अच्छा लग रहा था, तो मैंने उसे रोका नहीं। फिर विकी बोला, “तू किस बहुत अच्छी करती है।” मैंने हंसकर कहा, “तू मुझसे ज्यादा अच्छा था।”
विकी: “नहीं, तू तो एक्सपर्ट लग रही थी लिप्स किसिंग में।” मैं: “तू भी कम नहीं था, तूने तो मुझे एक्साइट ही कर दिया था।” विकी: “अच्छा? तो और किस-किस चीज में एक्सपर्ट हो? क्या तुम किसिंग की तरह और भी कुछ…” और उसने इशारा अपनी पैंट के ऊपर लंड की तरफ किया। मैं: मैं मुस्कुराई और बोली, “और भी बहुत सी चीजों में एक्सपर्ट हूं और एक्सपीरियंस्ड भी। अगर कोई मुझे फिर से एक्साइट करे, तो मैं प्रूव कर सकती हूं।”
इसके बाद उसने और बातें करना ठीक नहीं समझा। वो झट से आगे बढ़ा और मेरे होंठों को अपने होंठों से पकड़कर चूसने लगा। मैं भी तो यही चाह रही थी। मैंने भी उसे फुल रिस्पॉन्स देना शुरू कर दिया। लेकिन विकी को पता नहीं क्या हो गया था, वो तो इतने जोश में था कि मेरे होंठों को मानो चबा ही जाना चाहता था। कभी वो मेरे लोअर लिप को चूसता, कभी अपर लिप को। जब वो मेरे लोअर लिप को अपने मुंह में लेता, तो उसे जीभ की तरह चूस रहा था।
लग रहा था वो किसिंग में प्रोफेशनल है। थोड़ी देर होंठों की चूसाई के बाद, मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डालनी चाही, लेकिन उसने अपनी जीभ से मेरी जीभ को रोक लिया और अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी। अब मैंने भी सोचा कि इसे अच्छे से मजा देना है। मैंने पहले उसकी जीभ को अपनी जीभ से अच्छे से लिक किया, ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, हर तरफ से। फिर मैंने उसकी जीभ को अपने होंठों के बीच लिया और लंड की तरह जोर-जोर से चूसने लगी। उसकी जीभ और सलाइवा का टेस्ट इतना अच्छा था कि मैं पूरी तरह खो गई। हम दोनों बहुत एक्साइट हो चुके थे।
किस करते-करते उसने अपना हाथ मेरी जांघों से ऊपर की ओर ले जाकर मेरे पेट से होता हुआ मेरे लेफ्ट बूब पर रख दिया और धीरे-धीरे दबाने लगा। मैंने उसे बिलकुल नहीं रोका। उसे जैसे परमिशन मिल गई थी और वो पक्का हो गया कि अब मैं चुदने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। उसने बिना देर किए मेरा हाथ पकड़ा और अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड पर रख दिया। मुझे पता था कि अब क्या होने वाला है, तो मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया और अपना हाथ उसकी पैंट पर ही रखा।
उसका लंड पूरी तरह तना हुआ था और काफी बड़ा भी लग रहा था। हमारी किस अभी भी चालू थी। उसने अपना एक हाथ मेरे टॉप के अंदर डाला और मेरे बूब को दबाने लगा। मैंने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, तो उसका हाथ सीधे मेरे नंगे बूब्स पर था। कभी वो मेरे बूब्स को दबाता, कभी निप्पल्स को अपनी उंगलियों से रगड़ देता। मैं तो पूरी तरह मस्त हो चुकी थी। फिर उसने किस करते-करते मेरे बूब की निप्पल को जोर से पिंच किया। मुझे हल्का सा दर्द हुआ, मैं सिसकी, “आह्ह…” और हमारी किस टूट गई। उसने मेरी आंखों में देखा और उसे पता चल गया कि मैं पूरी तरह गरम हो चुकी हूं।
फिर उसने अपनी पैंट खोली और घुटनों तक नीचे कर दी। उसने मुझे बोला कि उसका अंडरवेयर नीचे कर दूं। मैंने मना नहीं किया। जैसे ही मैंने उसका अंडरवेयर नीचे किया, उसका लंड एकदम उछलकर बाहर आ गया। मैं उसका लंड देखकर हैरान रह गई। इतना बड़ा और मोटा लंड मैंने पहले कभी नहीं देखा था। लाल रंग का सुपाड़ा, हल्की सी स्किन, बिलकुल क्लीन, एक भी बाल नहीं। मेरे मुंह में पानी आ गया।
सेक्स में मेरा फेवरेट पार्ट लंड चूसना है। मैंने उसे और इंतजार नहीं करवाया और बिना उसके कहे ही उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। पहले मैंने उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से लिक किया, चारों तरफ घुमाया। फिर सुपाड़े को किस किया और जीभ से पूरे लंड को चाट-चाटकर गीला कर दिया। मैं ऊपर से नीचे तक लंड को चाट रही थी कि तभी वो तड़प उठा और एकदम से अपना आधा लंड मेरे मुंह में डाल दिया।
मेरी तो सांसें रुक गईं। इतना बड़ा लंड सीधा मेरे गले में जा लगा। लेकिन उसका टेस्ट इतना अच्छा था कि मैंने उसे बाहर निकालने को नहीं कहा। मैंने अपना मुंह उसके लंड पर ऊपर-नीचे करना शुरू किया। उसका लंड मेरे मुंह में बहुत मुश्किल से आ रहा था। उसका एक हाथ मेरे बालों में था और दूसरा मेरी गांड पर। उसने मेरे बालों को इकट्ठा किया और ऊपर से मेरा सिर नीचे की तरफ दबाने लगा। मुझे खूब मजा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने नीचे से धक्के देने शुरू किए। अब मेरी सांसें रुकने लगीं, इतना बड़ा लंड मेरे गले में लग रहा था। “उम्म… आह्ह…” मैं सिसक रही थी। थोड़ी देर और चूसाई के बाद उसने अपने लंड को मेरे मुंह से निकाला और मुझे फिर से किस किया। फिर उसने मेरा टॉप निकाल दिया। मेरे बूब्स को देखकर वो पागल हो उठा। उसने मुझे लिटाया और मेरे बूब्स को चाटने लगा। कभी निप्पल पर जीभ फेरता, कभी निप्पल को चूसता, कभी हल्का सा काट लेता, और कभी बूब्स को जोर-जोर से दबाता। मेरी चूत गीली होने लगी थी। “आह्ह… विकी… और चूसो…” मैं सिसक रही थी।
पांच-दस मिनट तक मेरे बूब्स चूसने के बाद उसने मेरी स्कर्ट उतारी और फिर पैंटी भी। अब मैं उसके सामने पूरी नंगी थी और चुदने के लिए एकदम तैयार थी। लेकिन वो मुझे और तड़पाना चाहता था। उसने मेरी दोनों जांघों पर किस किया और किस करते-करते मेरी चूत पर आ गया। पहले उसने मेरे चूत के होंठों को खोला और ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ फेरी। फिर मेरे चूत के होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा। मेरी बॉडी कांपने लगी और चूत पानी छोड़ने लगी। “आह्ह… ओह्ह… विकी…” मैं सिसक रही थी।
फिर उसने मेरी चूत के दाने को मुंह में लिया और चूसने लगा। मैं उसका सिर अपनी चूत में दबाने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने पानी छोड़ दिया और वो सारा पानी चाट गया। अब मैं और इंतजार नहीं कर सकती थी। मुझे उसका लंड चाहिए था। मैंने उससे कहा, “विकी, अब चोदो मुझे… और मत तड़पाओ…”
उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे ऊपर आ गया। उसने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। उसका आधा लंड मेरी चूत में चला गया। मैं बहुत जोर से चीखी, “आह्ह्ह… उफ्फ…” मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी सील टूट गई हो। लेकिन उसे मेरी चीखों से कोई फर्क नहीं पड़ा। वो जालिम बनकर मेरी चूत फाड़ने में लगा था। उसने अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का मारा। इस बार उसका पूरा लंड मेरी चूत में था। मैं फिर से चीखी, “आह्ह… विकी… धीरे…” लेकिन उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया था, तो मेरी चीख उसके मुंह में ही दब गई।
मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे। लेकिन उसने चुदाई नहीं रोकी। वो धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा। कुछ मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ और मुझे मजा आने लगा। मैंने भी नीचे से धक्के देने शुरू किए। अब वो समझ गया कि मुझे मजा आ रहा है। उसने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और पूरी ताकत से मुझे चोदने लगा। जब वो पूरा लंड बाहर निकालकर जोर से धक्का मारकर मेरी चूत में डालता, तो मुझे बहुत मजा आता। उसका लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा था। “आह्ह… और जोर से… चोदो मुझे…” मैं सिसक रही थी।
करीब 10-15 मिनट की चुदाई के बाद हमने पोजीशन चेंज की। अब मैं उसके लंड के ऊपर बैठी और कूदने लगी। ये मेरी फेवरेट पोजीशन थी। मैं जोर-जोर से उसके लंड पर बैठकर कूद रही थी। वो भी नीचे से धक्के मार रहा था। “उम्म… आह्ह… विकी… और जोर से…” मैं चिल्ला रही थी। चुदाई करते-करते कभी वो मेरे होंठ चूसता, कभी मेरी गर्दन, और कभी मेरे बूब्स को दबाता।
थोड़ी देर इस तरह चुदने के बाद मैं घोड़ी बन गई। वो मेरे पीछे आया और जोर से धक्का मारकर अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। “आह्ह… ओह्ह…” मैं सिसक रही थी। वो जोर-जोर से मुझे चोदने लगा। करीब 40 मिनट तक उसने मेरी दमदार चुदाई की। इस बीच मैं 8 बार झड़ी। जब वो झड़ा, तो उसने सारा पानी मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने सारा पानी पी लिया। उसके लंड का रस बहुत टेस्टी था। फिर हम वही गाड़ी में सो गए और सारी रात मैं तीन बार और चुदवायी।
उसके बाद भी मैं कई बार उससे चुदवायी। वो मुझे बहुत पसंद आया। उसने मेरी गांड की सील भी तोड़ी, वो भी बीच पर जाकर। अगर आप जानना चाहते हैं कि कैसे उसने मेरी गांड की सील तोड़ी, तो मुझे बताइए।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी स्टोरी? सॉरी, अगर कोई गलती हुई हो तो माफ करना। मुझे बताइए कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी और मुझे क्या चेंज करना चाहिए। जितनी जल्दी आप रिस्पॉन्स देंगे, उतनी जल्दी मैं अगला पार्ट लिखूंगी।
कहानी का अगला भाग: ब्लैकमेल करके चोदी मेरी चूत
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