बहकती बहू-25

Blackmailing Sex Story  कहानी का पिछला भाग: बहकती बहू-24

अब आगे – – –
मदनलाल चला गया, मगर सन्नी को चैन कहाँ था! वो फिर किचन में आया। काम्या पराठे बना रही थी।
सन्नी: दीदी, क्या बना रही हो?
काम्या: पराठे बना रही हूँ, तेरे लिए।
सन्नी: मैं भी बनाऊँ?
काम्या: तुझे आता है बनाना? पहले कभी बनाया है?
सन्नी: नहीं, पहले तो नहीं बनाया। आज बना देता हूँ।
काम्या: नहीं, सन्नी, अभी नहीं।
सन्नी: प्लीज, दीदी, तुम बेलो, मैं सेंक देता हूँ।
काम्या: नहीं, सन्नी, मैं पहले ही तेरे कारण लेट हो गई हूँ। और तवा भी बहुत गर्म है।
सन्नी: प्लीज, दीदी, सेंकने दे ना।
काम्या: नहीं, अभी नहीं। फिर कभी सेंक लेना।
सन्नी: दीदी, मेरी इच्छा है कि तुम्हारे तवे में पराठे सेंकूँ।
काम्या को नॉनवेज जोक्स का अंदाजा नहीं था। उसने मासूमियत से कह दिया,
काम्या: ठीक है, भाई, कभी समय मिलेगा, तो मेरे तवे में तू भी पराठे सेंक लेना।
डिनर के बाद काम्या, शांति, और सन्नी अपने-अपने कमरों में चले गए। काम्या ने कमरे में पहुँचकर शीशे में खुद को देखा और हैरान रह गई। उसकी पारदर्शी मैक्सी में उसका मादक जिस्म साफ दिख रहा था। ब्रा, पैंटी, और उसके हर अंग का कटाव नजर आ रहा था। अब उसे समझ आया कि सन्नी उसे क्यों घूर रहा था। वो सोचने लगी, “बेचारा भाई, इसे खुद को संभालने में कितनी मुश्किल हुई होगी!” उसने ध्यान नहीं दिया था और ऐसी मैक्सी पहनकर घर में घूम रही थी। आश्चर्य था कि माँजी ने भी कुछ नहीं कहा। सन्नी की हरकतें याद आने लगीं—कैसे वो उसकी गांड और जाँघों से खेल रहा था। जवान मर्द का स्पर्श याद आते ही काम्या को खुमारी चढ़ने लगी।
इधर, सन्नी अपने कमरे में लेटा था। उसने शॉर्ट्स पहने थे और अपना लंड बाहर निकालकर सहला रहा था। गाँव की आदत के चलते उसने खिड़की खुली छोड़ रखी थी। लाइट बंद थी, मगर नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी। काम्या उसके लिए एक चैलेंज बन चुकी थी। उसकी मैक्सी में दमकता जिस्म उसकी नजरों से हट नहीं रहा था। वो उसकी थंडर थाइस को चूमना, चाटना, काटना, और उसकी चिकनाई को आँखों से पीना चाहता था। मगर सन्नी को नहीं पता था कि कुदरत उसकी झोली में काम्या को खुद डालने वाली थी।
उधर, मदनलाल छत पर घूम रहा था। उसका हाल बुरा था। सुबह से काम्या की सेक्सी साड़ी ने कहर ढाया था, और अब रात को उसकी मैक्सी ने तो कत्ल ही कर दिया। उसका लंड उसे बेकाबू कर रहा था। उसने काम्या को फोन किया।
काम्या: हाँ, बाबूजी, बोलिए।
मदनलाल: जान, दरवाजा खोल दो, हम आ रहे हैं।
काम्या: बाबूजी, आज नहीं। सन्नी भी आया हुआ है।
मदनलाल: अरे, उसकी छोड़ो। वो अब तक सो गया होगा।
काम्या: नहीं, बाबूजी, कुछ गड़बड़ हो सकती है। एक-दो दिन रुक जाओ ना।
मदनलाल: बहू, सुबह से तुम्हें देखकर रुका नहीं जा रहा। सन्नी की चिंता छोड़ो। उसकी खिड़की खुली है, हम देखकर आते हैं। अगर सो रहा होगा, तो आ जाएँगे।
मदनलाल दबे पाँव सन्नी की खिड़की के पास गया और अंदर झाँका। अंधेरा था, कुछ दिखा नहीं। उसने सोचा सन्नी सो चुका है और वापस मुड़ गया। मगर सन्नी जाग रहा था। उसने अंधेरे में मदनलाल को पहचान लिया। उसका चोर-सा झाँकना सन्नी को संदिग्ध लगा। उसका जासूसी दिमाग चलने लगा। जैसे ही मदनलाल हटा, सन्नी धीरे से उठा और खिड़की से बाहर देखने लगा। चाँद की रोशनी में उसे दिखा कि मदनलाल काम्या के कमरे के बाहर खड़ा है। उसने चारों तरफ देखा और काम्या के कमरे में घुस गया, फिर चिटकनी लगा दी।
सन्नी तुरंत समझ गया कि रात के अंधेरे में जवान औरत के कमरे में चुपके से घुसने का मतलब क्या होता है। उसने मोबाइल निकाला, साइलेंट मोड पर किया, और रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। संयोग से काम्या की खिड़की का एक पल्ला खुला था, और परदा भी सरका हुआ था। ये मदनलाल की आदत थी। वो दिन में कभी काम्या के कमरे में घुसकर खिड़की खुली छोड़ देता और रात को उसे अस्त-व्यस्त कपड़ों में देखता। हालाँकि काम्या उसे सहज उपलब्ध थी, मगर उसकी अर्धनग्न बहू को देखने की लत थी। आज यही आदत उस पर भारी पड़ने वाली थी।
अंदर का दृश्य बड़ा रोमांटिक था। काम्या अपनी बदन दिखाऊ मैक्सी में लेटी थी। मदनलाल सामने खड़ा उससे बातें कर रहा था। काम्या की बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि वो पिघल रही है। सन्नी ये सब देख और रिकॉर्ड कर रहा था। आखिरकार, मदनलाल ने काम्या को उठाकर अपनी बाहों में भर लिया। दोनों जंगलियों की तरह एक-दूसरे को चूमने लगे। कुछ ही पलों में मदनलाल ने काम्या को निर्वस्त्र कर दिया। सन्नी एक-एक दृश्य रिकॉर्ड कर रहा था और आँखों से पी रहा था।
पहली बार सन्नी ने काम्या को पूरी नंगी देखा। शादी से पहले उसने उसे सिर्फ पैंटी में टॉपलेस देखा था, मगर तब काम्या स्लिम थी। अब उसकी मांसल, गोरी, चिकनी जाँघें सन्नी की आँखों के सामने थीं। वो साँस लेना भूल गया। उसकी थंडर थाइस उसे दीवाना बना रही थीं। उसने अपना लंड बाहर निकाला और मुठियाने लगा। काम्या की जाँघें सुडौल और कसी हुई थीं।
फिर जो हुआ, उसकी कल्पना सन्नी जैसे धाकड़ चोदू ने भी नहीं की थी। काम्या ससुर को ब्लोजॉब देने लगी। सन्नी ने दिल में कहा, “बलिहारी हो ब्लू फिल्मों की, जिसने मेरी बहन को पॉर्न स्टार बना दिया!” मदनलाल ने अपना लंड काम्या के मुँह में पेल दिया, और वो लपर-लपर चूसने लगी। कुछ देर बाद मदनलाल ने कुछ कहा, तो काम्या डोगी बन गई। सन्नी हैरान था कि बूढ़े ने उसकी बहन को हर तरह से तैयार कर रखा था। मदनलाल ने काम्या की गांड चाटी और धकापेल शुरू कर दी। काम्या की चीख सन्नी ने भी सुनी।
काम्या की चुदवाने की स्टाइल देखकर सन्नी समझ गया कि वो गरम तासीर की है। ऐसी लड़कियाँ बिस्तर में जन्नत का मजा देती हैं। मदनलाल के हर धक्के में काम्या का मुँह खुल जाता। डोगी स्टाइल में उसकी गांड अंदर धँसती और बूब्स पेंडुलम की तरह झूलते। मदनलाल उसकी गांड की मालिश और पीठ चूम रहा था। कभी उसके बाल खींच देता। दो मिनट तक वो काम्या को कुतिया बनाकर चोदता रहा, मगर बुढ़ापे की वजह से उसका लंड ढीला पड़ने लगा।
बुढ़ापे में यही दिक्कत है—खड़ा होता है, तो कड़ा नहीं होता। मदनलाल ने लंड निकाला और काम्या को फिर चूसने को दिया। काम्या ने लंड चूसकर कड़ा करने की कोशिश की, मगर उम्र को जीता नहीं जा सकता। मदनलाल का लंड हार मान गया और उसने सारा पानी काम्या के मुँह में गिरा दिया। सन्नी ने देखा कि काम्या ने बड़े मजे से ससुर का माल पी लिया।
सन्नी ने ढेरों औरतों को चोदा था, मगर ज्यादातर उसका माल पीने से मना करती थीं। सिर्फ दो-तीन औरतें ही थीं, जो रिक्वेस्ट पर ऐसा करती थीं। मगर काम्या ने शौक से ससुर का माल निगल लिया। सन्नी समझ गया कि अगर काम्या को सही ढंग से वॉर्मअप किया जाए, तो ऐसी लड़की दूसरी नहीं मिलेगी। मदनलाल लज्जा से कपड़े पहनने लगा, तो सन्नी चुपके से अपने कमरे में चला गया। उसने वीडियो अपने ईमेल में भेजा और फोन में भी सेव किया। फिर काम्या को ब्लैकमेल करने का प्लान बनाया।
आधा घंटा बीत चुका था। काम्या नंगी ही लेटी थी। नींद नहीं आ रही थी, क्योंकि मदनलाल ने उसकी आग भड़काकर बिना बुझाए छोड़ दिया था। मोबाइल बजा, तो उसने सोचा शायद सुनील का फोन है। मगर सन्नी का नंबर देखकर वो चौंकी, फिर हँस पड़ी, “हे भगवान, अब इसे कौन समझाए कि दीदी के साथ वो नहीं कर सकता, जो गर्लफ्रेंड के साथ करता है!”
काम्या: क्या बात है, सन्नी? नींद नहीं आ रही?
सन्नी: नहीं, दीदी, कुछ पूछना था।
काम्या: इतनी रात को? बोल, क्या पूछना है?
सन्नी: दीदी, ये चक्कर कब से चल रहा है?
काम्या: कौन सा चक्कर, भाई?
सन्नी: यही, आपका अपने ससुर के साथ बिस्तर कबड्डी वाला चक्कर।
काम्या के रोंगटे खड़े हो गए।
काम्या: क्या?! तू क्या बोल रहा है? तेरा दिमाग खराब हो गया?
सन्नी: दीदी, दिमाग खराब नहीं हुआ। आधे घंटे तक आप दोनों की रासलीला देखी है।
काम्या की नजर खिड़की की तरफ गई। एक पल्ला खुला था। वो घबराते हुए बोली,
काम्या: सन्नी, तुम्हें गलतफहमी हुई है। ऐसा कुछ नहीं है। तुम अपनी दीदी के बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकते हो?
सन्नी: दीदी, कोई गलतफहमी नहीं। मैंने खुली आँखों से सब देखा और 10 मेगापिक्सल के मोबाइल से शूटिंग भी की। मेरे कमरे में आइए, पूरी रिकॉर्डिंग दिखाता हूँ।
काम्या पस्त हो गई। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था। अगर सन्नी ने सचमुच रिकॉर्डिंग की थी, तो अनर्थ हो जाएगा। वो घबराई हुई थी। जब उसने जवाब नहीं दिया, तो सन्नी ने फिर कहा,
सन्नी: दीदी, यहाँ आइए, रिकॉर्डिंग दिखाता हूँ।
सन्नी चाहता था कि काम्या उसके कमरे में आए, तो वो उसे अपने नीचे लिटाए। काम्या ने हिम्मत करके कहा,
काम्या: सन्नी, तुम इन फालतू बातों में मत पड़ो। तुम्हें इनसे कोई मतलब नहीं।
सन्नी: दीदी, मुझे तो कोई फर्क नहीं पड़ता, मगर आपकी सास, जीजाजी, और बीमार पापा को जरूर फर्क पड़ेगा। सोचो, जब जीजाजी व्हाट्सएप पर ये क्लिप देखेंगे, तो उनकी क्या हालत होगी?
काम्या को लकवा-सा लग गया। उसकी आवाज रुंध गई। बड़ी मुश्किल से बोली,
काम्या: सन्नी, प्लीज ऐसा मत करना। मैं तुम्हारे पैर पड़ती हूँ।
सन्नी: दीदी, मैं कब कह रहा हूँ कि ऐसा करूँगा? एक काम करिए, यहाँ आइए। फोन पर कब तक बात करेंगे?
काम्या को सन्नी का बार-बार बुलाना संदिग्ध लगा। उसे यकीन था कि सन्नी कुछ फायदा उठाएगा।
काम्या: सन्नी, तुम मुझे वहाँ क्यों बुला रहे हो? बताओ, तुम चाहते क्या हो?
सन्नी: दीदी, मैं वही करना चाहता हूँ, जो मैंने देखा है।
काम्या: सन्नी, तुम पागल हो गए हो? मैं तुम्हारी बहन हूँ! तुम्हें अपने रिश्ते का भी ख्याल नहीं?
सन्नी: दीदी, मदनलाल के साथ आपका रिश्ता क्या है?
काम्या चुप हो गई। उसे समझ आ गया कि वो बड़ी मुसीबत में फँस चुकी है। सन्नी ने फिर कहा,
सन्नी: दीदी, यहाँ आइए, तो आराम से बात करेंगे। कल मुझे लौटना है। बस आज का समय है। फिर आप जानो।
सन्नी ने फोन काट दिया। फिर उसने अपनी दूसरी सिम से काम्या के पापा को कॉल किया। ये सिम वो लड़कीबाजी के लिए रखता था। रात के सन्नाटे में फोन की घंटी से काम्या के मम्मी-पापा की नींद टूटी। जैसे ही फोन उठा, सन्नी ने काट दिया। फिर उसने दो एसएमएस टाइप किए:

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एसएमएस भेजकर उसने सिम डीएक्टिवेट कर दी। काम्या के पापा ने एसएमएस देखकर घबरा गए। दोनों पति-पत्नी परेशान हो गए।
इधर, काम्या कमरे में परेशान बैठी थी। उसे लग रहा था कि उसके पास दो ही रास्ते हैं—या तो सन्नी की बात माने, या परिवार और समाज में बदनाम हो जाए। मगर उसे भरोसा नहीं था कि सन्नी उसे बदनाम करेगा। वो उसका भाई था। लेकिन उसे नहीं पता था कि सन्नी अब बच्चा नहीं रहा। उसने फोन का इंतजार किया। तभी फोन बजा। स्क्रीन पर पापा की फोटो देखकर उसका दिमाग फ्यूज हो गया।
काम्या: हाँ, पापा।
पापा: बेटा, घर में सब ठीक तो है?
काम्या: हाँ, पापा। मगर इतनी रात को आप ये क्यों पूछ रहे हैं?
पापा: बेटा, तेरे नाम से एक एसएमएस आया था।
काम्या: ऐसा क्या एसएमएस, पापा? मैंने तो कुछ नहीं किया।
पापा: अब तुझे क्या बोलूँ? अपनी मम्मी से बात कर।
रजनी: हाँ, काम्या, बेटी।
रजनी ने बताया कि एसएमएस में लिखा था कि वो बाबूजी को हॉर्नी होकर बुला रही थी। काम्या के बीमार पापा परेशान थे। बात खत्म होने के बाद काम्या सिर पकड़कर बैठ गई। उसे अपने पापा की चिंता सताने लगी। उसकी आँखों के सामने भयानक दृश्य घूमने लगे—पापा का हार्ट अटैक, सुनील की आत्महत्या, शांति का उसे चोटी पकड़कर घर से निकालना। वो गुमसुम बैठी रोने लगी। फिर उसने फैसला किया कि अपनी हँसती-खेलती जिंदगी बचानी होगी। सन्नी की इच्छा पूरी करके वो भविष्य के लिए मना कर देगी। उसने सोचा कि सन्नी नया लड़का है, ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट में सब खत्म हो जाएगा। मगर उसे नहीं पता था कि सन्नी कोई अनाड़ी नहीं, बल्कि पक्का खिलाड़ी है।
काम्या खड़ी हुई, तो शर्मा गई। वो अभी भी नंगी थी। उसने कपड़े पहने, कुल्ला किया, और सन्नी के कमरे की ओर चल दी। दरवाजे पर पहुँची, तो देखा कि दरवाजा खुला था। सन्नी उसकी क्लिप देख रहा था। काम्या शर्म से जमीन में गड़ गई। सन्नी को यकीन था कि वो आएगी। वो उठा, दरवाजा बंद किया, और काम्या के कंधों को पकड़ते हुए बोला,
सन्नी: दीदी, मुझे मालूम था, आप जरूर आओगी।
उसकी नजरें काम्या की ब्लाउज से झाँकती चूचियों पर टिक गईं। काम्या सोचने लगी, “ना ये होते, ना आज ऐसा दिन देखना पड़ता।” अगर वो इतनी सुंदर और हंगामाखेज न होती, तो सन्नी उस पर फिदा न होता।
काम्या: सन्नी, ये गलत है। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। मैं तुम्हारी बहन हूँ।
सन्नी जानता था कि काम्या ऐसी दुहाई देगी। वो उसे जबरदस्ती भी काबू कर सकता था, मगर वो काम्या को हमेशा के लिए अपना बनाना चाहता था। उसे पता था कि ब्लैकमेलिंग रिश्तेदारी में जोखिम भरी है। अगर बाद में उसने क्लिप लीक की और बात बिगड़ गई, तो वो भी फँसेगा। वो काम्या को फुसलाना चाहता था, ताकि उसे लगे कि उसका भाई उसके हुस्न पर पागल हो गया।
सन्नी: दीदी, मैं मानता हूँ, हम रिश्तेदार हैं। मगर मदनलाल अंकल भी तो आपके रिश्ते में हैं। प्लीज, मैं बचपन से तुम्हारी खूबसूरती पर फिदा हूँ। बस आज एक बार। कल सुबह मैं चला जाऊँगा।
काम्या: भाई, मैंने एक बार गलती कर ली, तो तू मुझे फिर वही गलती करने को कह रहा है।
सन्नी: दीदी, मैं फोर्स नहीं कर रहा। जब आप अंकल के साथ कर सकती हैं, तो अपने भाई की जिंदगी में खुशियाँ नहीं दे सकतीं?
सन्नी ने उसके कंधों को चूमना शुरू किया। उसका लंड शॉर्ट्स में फनफना रहा था, जो काम्या अपनी गांड की दरार में महसूस कर रही थी। वो समझ गई कि सन्नी का लंड बाबूजी जितना बड़ा है। मगर वो अभी तैयार नहीं थी। वो बार-बार मना कर रही थी, मगर सन्नी अनुभवी था। उसे पता था कि जवान औरतें 15 मिनट तक छूने से कमजोर पड़ जाती हैं। वो काम्या की गर्दन चूमता रहा और उसकी चूचियों को कब्जे में ले लिया। सन्नी के मजबूत पंजों में अपनी चूचियाँ फड़फड़ाती देख काम्या सिहर उठी। सन्नी उन्हें हल्के-हल्के सहला रहा था।
काम्या: सन्नी, प्लीज, ऐसा गलत मत कर।
सन्नी: काम्या, प्लीज, मुझे मत रोको। तुम मेरा बरसों का सपना हो। मुझे अपना प्यार दे दो।
उसने काम्या के कपड़ों में हाथ डालकर उसकी नंगी चूचियों को मसलना शुरू किया। ऐसी ठोस चूचियाँ सन्नी के लिए सपना थीं। वो ज्यादातर बाजारू औरतों को चोदता था, मगर काम्या जैसा घरेलू माल नसीब नहीं हुआ था। वो उसकी गर्दन पर लवबाइट बनाते हुए टॉप खोलने लगा। काम्या का जिस्म गर्म होने लगा। वो जानती थी कि अगर उसने सन्नी को रोका, तो सब कुछ उसके हाथ में होगा।
काम्या: भैया, मत कर ना। प्लीज मान जाओ।
उसकी आवाज ऐसी थी, मानो कह रही हो, “करते रहो।” सन्नी उसकी बॉडी लैंग्वेज पढ़ रहा था। उसने काम्या के दोनों हाथ ऊपर किए और टॉप उतार फेंका। कई साल पहले उसने काम्या को टॉपलेस देखा था, मगर तब उसका जिस्म इतना गदराया नहीं था। अब उसके नागपुरी संतरे सन्नी को पागल कर रहे थे। उसने एक संतरे को मुँह में लिया। काम्या की सिसकारी निकल गई, “आआह…”
सन्नी नया खून था। उसके पास मदनलाल जैसा धैर्य नहीं था। वो जोश और ताकत से लबरेज था। वो काम्या की चूचियों पर भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़ा। चूसते-चूसते काटने भी लगा। काम्या की चूचियों पर दाँतों के निशान बनने लगे।
काम्या: आआह… औच! भैया, प्लीज काटो मत। दर्द हो रहा है।
सन्नी: सॉरी, काम्या।
सन्नी ने चूचियाँ चूसते हुए हाथ नीचे किया और काम्या की जाँघों को सहलाने लगा। पेटीकोट के ऊपर से भी उसकी जाँघें चिकनी थीं। फिर उसने नाड़े में उंगली फँसाई और पेटीकोट जमीन पर गिर गया। काम्या सिर्फ पैंटी में रह गई। सन्नी ने उसकी गदराई जाँघों पर ध्यान लगाया। वो उसकी सिल्की जाँघों को मसाज करने लगा। जब उसके हाथ अंदरूनी जाँघों पर पड़े, काम्या सिहर उठी। वो सन्नी की हरकतों के आगे बेबस हो रही थी। उसका जिस्म अब उसके नियंत्रण से बाहर था।
सन्नी घुटनों के बल बैठा और उसकी जाँघों को चूमने-चाटने लगा। काम्या की थंडर थाइस पर उसके होंठ और जीभ कहर बनकर टूट पड़े। सन्नी उसकी जाँघों को काटने लगा।
काम्या: आआह… माँ! भैया, प्लीज काट मत। दर्द होता है। धीरे से नहीं कर सकते? अपनी बहन को सताना अच्छा लगता है?
सन्नी: बहना, सता नहीं रहा। तुम्हें स्वर्ग की यात्रा पर ले जा रहा हूँ। देखना, तेरा भैया तुझे इतना प्यार देगा कि तू निहाल हो जाएगी।
सन्नी ने काम्या की पैंटी खींचकर जमीन पर फेंक दी। काम्या के पैर यंत्रवत उठे, और पैंटी दूर चली गई। अब काम्या पूरी नंगी थी, जैसे जन्म के समय थी। फर्क सिर्फ इतना था कि अब वो मर्दों के अमन-चैन की दुश्मन थी। सन्नी ने अपना शॉर्ट्स कब उतारा, काम्या को पता नहीं चला। उसे तब अहसास हुआ, जब उसकी गांड की दरार में सन्नी के गर्म सुपाड़े और प्री-कम की चिपचिपाहट महसूस हुई।
काम्या का हुस्न देखकर सन्नी अवाक रह गया। वो तीन फीट पीछे हटा और काम्या को चारों तरफ से घूमकर देखने लगा। उसे काम्या साक्षात रति लग रही थी। काम्या शर्म से गड़ रही थी, मगर अंदर ही अंदर उसे अपने हुस्न पर गर्व था कि एक शक्तिशाली मर्द उसके सामने कमजोर पड़ गया। सन्नी के मुँह से निकला,
सन्नी: शुभान अल्लाह!
काम्या: क्या हुआ, भैया?
सन्नी: काम्या, तू नहीं जानती तू क्या है! तू भगवान की बेमिसाल कारीगरी है। तुझे बनाने के बाद भगवान भी तुझ पर फिदा हो गया होगा। तुझे जमीन पर भेजकर अब खुदा भी पछताता होगा।
सन्नी जानबूझकर उसकी तारीफ कर रहा था। वो जानता था कि हर औरत अपनी सुंदरता की तारीफ सुनना पसंद करती है। काम्या को भी अपनी खूबसूरती पर गर्व था। वो किशोरावस्था से मर्दों की नजरें झेलती आई थी। आज वो बर्थडे सूट में थी। सन्नी ने फिर उसे बाहों में लिया और उसके जिस्म से खिलवाड़ शुरू किया। कभी बूब्स मसलता, कभी पीने लगता। उसका लंड पीछे से काम्या की दरार में कोहराम मचा रहा था, और हाथ आगे से उसकी चूत का अमन-चैन छीन रहे थे।
काम्या उत्तेजना की चरम अवस्था पर थी। उसकी चूत से कामरस बह रहा था। उसका जिस्म अब एक मजबूत लंड की माँग कर रहा था। तभी सन्नी ने अपना अंगूठा काम्या की चूत में डाल दिया और जी-स्पॉट को रगड़ने लगा। काम्या की चूत में चिंगारी फूट पड़ी। वो सब भूल गई और बड़बड़ाने लगी,
काम्या: आहह… ओह… माँ! भैया, ये तुमने क्या कर दिया! मेरे जिस्म में आग लग रही है। प्लीज कुछ करो, भैया, नहीं तो मैं जलकर भस्म हो जाऊँगी!
सन्नी: बोलो, काम्या रानी, क्या करूँ?
काम्या: भैया, कुछ भी करो, मगर मेरी ये आग बुझा दो! मेरी जलन दूर कर दो!

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कहानी का अगला भाग कल प्रकाशित होगा!

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