Customer sex story दोस्तो, नमस्ते! मेरा नाम रिची है, और ये मेरी पहली सच्ची और हॉट सेक्स कहानी है। ये कहानी पूरी तरह असल जिंदगी की घटना पर आधारित है, जिसमें मैंने अपनी वर्जिनिटी खोई और अपने से 10 साल बड़ी औरत को चोद कर प्रेग्नेंट कर दिया। मैं चाहता हूँ कि आप इस कहानी को पढ़कर उस पल को महसूस करें, जो मैंने जिया था। तो चलिए, शुरू करते हैं।
बात दो साल पुरानी है। मैं तब 25 साल का था, जवान, फिट, और थोड़ा शर्मीला, पर मेरे अंदर एक आग थी जो सही मौके की तलाश में थी। मैं एक कंपनी में मैनेजर था, कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट में। मेरा काम था कस्टमर्स की समस्याएँ सुनना और उनके लिए सॉल्यूशन ढूंढना। मैं लंबा, गोरा, और ठीक-ठाक दिखने वाला हूँ, ऐसा लोग कहते हैं। मेरे बाल छोटे और घने हैं, और मैं हमेशा प्रोफेशनल लुक में रहता था—शर्ट, पैंट, और चमकते हुए जूते।
एक दिन, मेरे पास एक कॉल आया। कॉलर थी एक औरत, जिसका नाम शालिनी था। शालिनी 35 साल की थी, शादीशुदा, लेकिन उसका पति विदेश में जॉब करता था, और वो अकेली रहती थी। उसका ट्रांसफर हाल ही में मेरे शहर में हुआ था। उसने बताया कि उसने एक मशीन खरीदी थी, जो 24 हजार की थी, लेकिन वो खराब निकली। नया शहर, कोई जान-पहचान नहीं, और ऊपर से ये परेशानी। उसकी आवाज़ में गुस्सा और बेबसी साफ झलक रही थी। मैंने नॉर्मल तरीके से उसकी प्रॉब्लम सुनी, जैसा कि मैं हर कस्टमर के साथ करता हूँ।
उसने कहा, “सर, ये मशीन तो खराब है। मुझे इसे ठीक करवाना है, या फिर इसे रिप्लेस करवाइए।” उसकी आवाज़ में एक अजीब सा दर्द था, जैसे वो सिर्फ मशीन की बात नहीं कर रही थी। मैंने अपने दो इंजीनियर्स को उसके घर भेजा। इंजीनियर्स ने मशीन चेक की और मुझे कॉल करके बताया, “सर, इसमें बहुत खर्चा आएगा। क्या करें?”
पीछे से शालिनी ने फोन छीन लिया और बोली, “मुझे आपके मैनेजर से बात करवाइए।” उसकी आवाज़ में गुस्सा था, लेकिन कहीं न कहीं एक अजीब सी नरमी भी। मैंने उससे कहा, “मैडम, मशीन ठीक तो हो जाएगी, लेकिन खर्चा तो आएगा ही।” वो बोली, “सर, मैं नई हूँ यहाँ। कोई मदद करने वाला नहीं है। प्लीज़ कुछ कीजिए।” उसकी बात सुनकर मेरे दिल में कुछ हलचल हुई। मैंने सोचा, मेरे शहर में कोई परेशान है, मुझे मदद करनी चाहिए।
मैंने उससे पूछा, “मशीन कितने की थी?” उसने बताया, “24 हजार की।” मैंने कहा, “तो ये कंपनी की गलती है। आप टेंशन न लें, मैं इसे रिप्लेस करवा दूँगा। बस अपना बिल मुझे व्हाट्सएप कर दीजिए।” वो थोड़ा शांत हुई और बोली, “सर, आपकी बहुत मेहरबानी होगी। मैं बहुत परेशान हूँ।” मैंने कहा, “ये मेरा फर्ज़ है, मैडम।”
मैंने अपने बॉस से बात की, लेकिन वो खर्चा बढ़ाने के चक्कर में था। मुझे गुस्सा आया। बात अब सिर्फ मशीन की नहीं थी, मेरे शहर की इज्ज़त का सवाल था। मैंने जोन हेड, जो एक लेडी थी, से पर्सनली बात की। मैंने उसे सारी डिटेल्स बताईं, और उसने रिप्लेसमेंट की परमिशन दे दी। एक महीने की मेहनत के बाद, मशीन रिप्लेस हो गई।
इस दौरान शालिनी से मेरी कई बार बात हुई। वो हर बार कहती, “रिची, अगर ये मशीन रिप्लेस हो गई, तो मैं तुम्हें पार्टी दूँगी।” मैं हँसकर कहता, “बिल्कुल, पार्टी मिलेगी तो ज़रूर आऊँगा।” धीरे-धीरे हमारी बातें पर्सनल होने लगीं। एक रात, व्हाट्सएप पर मैंने उसे ‘हाय’ मैसेज किया। उसने तुरंत रिप्लाई किया। दोस्तो, यकीन नहीं करोगे, चार घंटे की चैट में वो ‘आई लव यू’ बोल गई। मैं हैरान था, लेकिन मेरे दिल में भी कुछ चल रहा था।
उसने मुझे एक संडे अपने घर बुलाया। मैं उस दिन नहीं जा पाया, और वो नाराज़ हो गई। मैंने उसे मना लिया और अगले संडे जाने का वादा किया। आखिरकार वो दिन आ गया। मैंने उसका घर पहले नहीं देखा था, बस उसकी व्हाट्सएप DP देखी थी, जिसमें वो हॉट लग रही थी—लंबे बाल, गोरा रंग, और कातिलाना मुस्कान। लेकिन जब मैं उसके घर पहुँचा, तो वो थोड़ी मोटी थी, पर उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जो मुझे खींच रही थी।
उसने मुझे अपने रूम में ले जाकर बैठाया और पानी लाने चली गई। मैं टॉयलेट गया, और जब वापस आया, तो वो पानी का गिलास लिए खड़ी थी। हम दोनों चुप थे, लेकिन कमरे में एक अजीब सा तनाव था। मैंने देखा कि वो मुझे बार-बार देख रही थी, जैसे कुछ चाह रही हो। मेरे मन में भी आग सी जल रही थी। मैं अकेली औरत के साथ था, और मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था।
हिम्मत करके मैंने उसका हाथ पकड़ा। उसने हैरानी से मुझे देखा, लेकिन उसने विरोध नहीं किया। मैंने अपने होंठ उसके होंठों के पास ले गए। उसकी साँसें तेज़ हो गईं। मैं समझ गया कि वो भी वही चाह रही थी जो मैं। मैंने उसे दीवार से सटा लिया और उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया। “आह्ह… रिची… क्या कर रहे हो… प्लीज़…” वो सिसकारते हुए बोली, लेकिन उसकी आवाज़ में नाटक था। मैं जानता था कि वो भी यही चाहती थी।
मैंने उसके होंठों को चूमा, उसकी गर्दन पर किस किया, और फिर उसके ब्लाउज़ के ऊपर से उसकी चूचियों को दबाया। “उफ्फ… रिची… आह्ह…” वो सिहर रही थी। उसकी चूचियाँ भारी और मुलायम थीं, जैसे रस भरे दूध के लड्डू। मैंने उसके ब्लाउज़ के बटन खोले, और उसकी ब्रा से उसकी चूचियाँ आज़ाद कर दीं। वो गोरी चूचियाँ हवा में झूल रही थीं। मैंने एक चूची को मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। “आह्ह… रुक जाओ… उफ्फ…” वो कह रही थी, लेकिन उसका शरीर मेरे साथ बह रहा था।
मैंने उसका पेटीकोट खींचा और उसकी पैंटी उतार दी। उसकी चूत पर हल्के बाल थे, और वो गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी चूत को देखा, और मेरा लंड और सख्त हो गया। उसने मेरी पैंट उतारी और मेरा 6.5 इंच का लंड देखकर बोली, “बाप रे! इतना बड़ा! मैं इसे चूत में नहीं ले पाऊँगी।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, पहले इसे चूस लो।” उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। “आह्ह… स्स्स… उफ्फ…” मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। उसका गर्म मुँह मेरे लंड को जन्नत की सैर करा रहा था।
वो आधा लंड ही चूस रही थी, तो मैंने उसका सिर पकड़ा और पूरा लंड उसके गले में उतार दिया। “गूं… गूं…” वो आवाज़ें कर रही थी, लेकिन मैं रुका नहीं। 10 मिनट तक मैंने उसके मुँह को चोदा। फिर मेरा माल निकलने वाला था। मैंने पूछा, “कहाँ निकालूँ?” वो बोली, “मुँह में ही।” मैंने सारा माल उसके मुँह में झाड़ दिया, और उसने एक बूंद भी बाहर नहीं गिरने दी।
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। “आह्ह… रिची… उफ्फ…” वो सिहर रही थी। मैंने उसकी चूत की फाँकों को खोला और जीभ अंदर डाल दी। उसका पानी मेरे मुँह में आ रहा था। मैंने उसके निप्पल्स को मसला, और वो और गर्म हो गई। “बस… अब डाल दो… प्लीज़…” वो चिल्लाई। मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ा, और फिर एक झटके में आधा लंड अंदर घुसा दिया। “आआह्ह…” उसकी चीख निकल गई।
मैंने उसके होंठों को चूमकर चुप कराया और धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया। “उफ्फ… रिची… धीरे…” वो कह रही थी, लेकिन उसकी चूत गीली थी और मज़ा ले रही थी। मैंने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया, फिर स्पीड बढ़ा दी। “थप… थप… थप…” लंड और चूत की आवाज़ कमरे में गूंज रही थी। “आह्ह… उफ्फ… चोदो… और तेज़…” वो चिल्ला रही थी। 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
उस रात मैंने उसे तीन बार और चोदा। हर बार वो और मस्ती में चुदवाती थी। कुछ महीनों बाद उसने बताया कि वो प्रेग्नेंट है। मैंने पूछा, “बच्चे का क्या करोगी?” वो बोली, “ये तुम्हारी निशानी है, मैं इसे जन्म दूँगी।” हमारे संबंध डेढ़ साल तक चले, और उसने मेरे बच्चे को जन्म दिया।
दोस्तो, ये थी मेरी पहली सच्ची कहानी। आपको कैसी लगी, अपनी राय ज़रूर बताएँ।