Hot Cousin Chudai हाय दोस्तों, मेरा नाम विक्की है। मैं यहाँ अपनी जिंदगी की एक सच्ची और हॉट कहानी शेयर करने आया हूँ। ये मेरी पहली कहानी है, और मैं कसम खाता हूँ कि ये बिल्कुल सच है। लोग कहते हैं कि सब यही बोलते हैं, लेकिन मुझे झूठ को सच और सच को झूठ बनाने की आदत नहीं। मैं अभी एम.सी.ए. कर रहा हूँ, और ये बात कुछ दिन पहले की है जब मैं सर्दियों की छुट्टियों के लिए अपने घर गया था। मेरा घर हरियाणा के एक छोटे से गाँव में है, जहाँ हवा में ठंडक और खेतों की खुशबू बसी रहती है। मैं 24 साल का हूँ, 5 फीट 10 इंच लंबा, गोरा रंग, और ठीक-ठाक कसरती बदन।
घर पहुँचते ही मुझे पता चला कि मेरी मामा की लड़की, निक्की, हमारे यहाँ आई हुई थी। निक्की 20 साल की है, 5 फीट 2 इंच की हाइट, पतला बदन, और उसकी चूचियाँ करीब 30 साइज़ की, गोल और कसी हुई। उसका रंग दूध सा सफेद, और चेहरा इतना मासूम कि कोई भी देखकर पागल हो जाए। हमारी पहले से ही खूब बनती थी, बचपन से हम साथ खेलते-कूदते थे, लेकिन अब हम बड़े हो चुके थे, और कुछ चीज़ें बदल रही थीं।
शाम का वक्त था। घर में मम्मी-पापा और बाकी लोग अपने कामों में व्यस्त थे। निक्की मेरे कमरे में बेड पर लेटी थी, एक पतला सा कंबल ओढ़े हुए। मैं उसके पास गया और बेड पर लेट गया। बेड छोटा था, सिंगल बेड, तो हम दोनों के बीच ज्यादा जगह नहीं थी। वो थोड़ा असहज हुई, लेकिन कुछ बोली नहीं। मैंने भी कंबल में घुसकर उसके पास लेटना शुरू किया। उसका चेहरा मेरी तरफ था, और उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे से टकरा रही थीं। मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। न जाने क्यों, मुझे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा।
निक्की की साँसें और तेज हुईं, और मैंने महसूस किया कि मेरा लंड धीरे-धीरे टाइट होने लगा। उसने करवट बदली, और अब उसकी गांड मेरी तरफ थी। उसकी टाइट जींस में उसकी गांड का उभार साफ दिख रहा था, और वो मेरे लंड से टकरा रही थी। मेरा लंड अब पूरी तरह खड़ा हो चुका था, साढ़े 6 इंच का, और उसे धीरे-धीरे उसकी गांड के बीच रगड़ने लगा। वो भी कुछ महसूस कर रही थी, लेकिन चुप रही। उसकी चुप्पी ने मेरी हिम्मत बढ़ा दी।
मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी कमर पर रखा। उसने तुरंत पूछा, “ये क्या कर रहे हो, विक्की?” उसकी आवाज में हल्की सी घबराहट थी, लेकिन वो गुस्से में नहीं थी। मैंने कहा, “कुछ नहीं, बस ऐसे ही लेटा हूँ।” वो चुप रही, और मैंने अपने हाथ को धीरे-धीरे उसकी जींस के अंदर सरकाना शुरू किया। उसकी त्वचा गर्म और मुलायम थी। मेरा हाथ उसकी पैंटी की लेस तक पहुँचा, और मैंने महसूस किया कि वो अब और तेज साँसें ले रही थी। उसकी चुप्पी और साँसों की गर्मी ने मुझे और उत्तेजित कर दिया।
जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत के पास पहुँचा, उसने धीरे से कहा, “कोई आ जाएगा, विक्की। सब घर में ही हैं।” उसकी आवाज में डर था, लेकिन साथ ही एक अजीब सी चाहत भी। मैंने अपना हाथ बाहर निकाला और कहा, “ठीक है, तू रात को मेरे कमरे में आ जा, मैं इंतज़ार करूँगा।” उसने हल्के से सिर हिलाया और कुछ नहीं बोली।
मैं अपने कमरे में चला गया, दरवाजा खुला छोड़कर लेट गया, और उस पल को याद करने लगा। मेरा लंड अभी भी टाइट था, और मैं सोच रहा था कि क्या निक्की सचमुच आएगी। तभी मम्मी ने आवाज़ लगाई कि खाना तैयार है। मैं खाना खाने चला गया, लेकिन जानबूझकर दूध नहीं पिया। मम्मी ने निक्की को एक गिलास दूध देकर कहा, “जा, विक्की को दे दे।”
निक्की मेरे कमरे में आई, गिलास लिए हुए। वो एक टाइट टी-शर्ट और जींस में थी, और उसकी चूचियाँ टी-शर्ट के ऊपर से साफ दिख रही थीं। मैंने उसे बेड पर मेरे पास बैठने को कहा। वो बैठ गई, और मैंने पूछा, “तू ऊपर क्यों नहीं आई?” उसने शर्माते हुए कहा, “ये गलत है, विक्की। हम ऐसा नहीं कर सकते।” मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा, “गलत कुछ नहीं है, निक्की। ये दुनिया की सच्चाई है। तू भी तो चाहती है ना?”
वो चुप रही, और मैंने धीरे से उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया। उसकी त्वचा से एक हल्की सी खुशबू आ रही थी, जो मुझे और पागल कर रही थी। मैंने उसके होंठों तक पहुँचकर उसे चूमना शुरू किया। उसकी साँसें मेरे अंदर समा रही थीं, और मेरी साँसें उसके अंदर। हम दोनों एक-दूसरे में खो गए। मेरा लंड फिर से टाइट हो गया, और मैंने उसकी चूचियों को टी-शर्ट के ऊपर से दबाना शुरू किया। वो हल्के से सिसकने लगी, “आह्ह… विक्की…”
मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर उठाई और उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को सहलाया। उसकी चूचियाँ छोटी लेकिन गोल और सख्त थीं, जैसे दो पके हुए संतरे। मैंने उसकी ब्रा खोली, और उसकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थीं। दूध सी सफेद, और निप्पल गुलाबी, जो उत्तेजना में सख्त हो चुके थे। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। वो सिसक रही थी, “उह्ह… आह्ह… विक्की, ये क्या कर रहा है…” लेकिन उसने मुझे रोका नहीं।
मैंने उसकी जींस का बटन खोला और धीरे से नीचे सरकाया। उसकी पैंटी गीली थी, और उसकी चूत की गर्मी मेरे हाथों में महसूस हो रही थी। मैंने उसकी पैंटी नीचे की और उसकी चूत को देखा। एकदम चिकनी, गुलाबी, और गीली। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। उसका स्वाद नमकीन और मादक था। वो पागल हो रही थी, “आह्ह… उह्ह… विक्की, ये… ओह्ह…” उसकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उसकी चूत को और गहराई से चाटा, उसकी क्लिट को जीभ से सहलाया, और वो तड़पने लगी। कुछ ही मिनटों में वो झड़ गई, उसकी चूत से गर्म रस निकलने लगा।
अब उसकी बारी थी। उसने मेरी जींस खोली और मेरा लंड बाहर निकाला। मेरा साढ़े 6 इंच का लंड पूरी तरह खड़ा था, और वो उसे देखकर शरमा गई। उसने धीरे से उसे मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर फिसल रही थी, और मैं सिसक रहा था, “उह्ह… निक्की, तू… आह्ह…” वो और जोश में आ गई, और मेरे लंड को गहराई तक चूसने लगी।
उसने कहा, “विक्की, अब और नहीं रुक सकता। मेरी प्यास बुझा दे।” मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी टाँगें चौड़ी कीं। मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रखा। वो हल्के से काँप रही थी। जैसे ही मैंने धीरे से धक्का दिया, वो चिल्लाई, “आह्ह… मार गई… विक्की, बाहर निकाल… बहुत दर्द हो रहा है!” मैं रुक गया, लेकिन उसकी आँखों में चाहत साफ दिख रही थी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और धीरे से फिर धक्का दिया। इस बार मेरा लंड थोड़ा और अंदर गया, लेकिन वो फिर चिल्लाई, “उह्ह… भाई, मैं मर जाऊँगी… प्लीज़!”
मैंने उसकी सिसकियों को अनसुना किया और एक और धक्का मारा। इस बार एक ‘फचक’ की आवाज़ आई, और उसकी चूत से खून निकलने लगा। मेरा लंड पूरा लाल हो गया, और मेरी बेडशीट भी खून से सन गई। वो रो रही थी, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे, लेकिन मेरे ऊपर हवस का भूत सवार था। मैंने धक्के मारना जारी रखा, “फचक… फचक…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। वो चीख रही थी, “आह्ह… उह्ह… विक्की, धीरे… मैं मर जाऊँगी!”
कुछ देर बाद उसका दर्द कम हुआ, और वो भी मजे लेने लगी। उसने कहा, “साले, तूने तो मेरी चूत फाड़ दी… बहनचोद, और जोर से मार!” उसकी गंदी बातें सुनकर मैं और जोश में आ गया। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और हर धक्के के साथ उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। वो सिसक रही थी, “आह्ह… उह्ह… हाँ, विक्की… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत!” मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया, और वो भी एक बार फिर झड़ गई।
उसके बाद वो नीचे चली गई। मैंने बेडशीट साफ की और सो गया। अब जब भी मैं उसे बुलाता हूँ, वो कहती है, “तू तो चूत का भूखा है, विक्की। तू बहुत बेदर्दी से चोदता है।” लेकिन मुझे उसकी चूत की लत लग गई है। मैं हमेशा अपनी बहनों की चूत के पीछे पड़ा रहता हूँ। अगर कोई मेरे साथ मज़े करना चाहता है, तो मुझे ईमेल करें। ये कहानी नहीं, मेरे साथ घटी सच्ची घटना है। आपकी राय क्या है? प्लीज़ अपनी राय ज़रूर बताएँ।