बर्थडे पर भाभी ने अपनी चूत गिफ्ट दी

Birthday sex gift मैं मोहित, 18 साल का, पंजाब के भटिंडा से हूँ। मेरी उम्र भले ही कम है, लेकिन जिस्म में गर्मी और दिमाग में शरारत भरी पड़ी है। ये कहानी मेरी भाभी रागिनी के साथ की है, जो मेरे चचेरे भाई की बीवी हैं। रागिनी भाभी, उम्र 29 साल, एकदम गोरा, मखमली जिस्म, 34-26-36 का फिगर, मानो कोई हुस्न की मलिका। उनकी शादी को तीन साल ही हुए हैं, लेकिन उनकी आँखों में वो शरारत और जिस्म में वो कशिश है कि कोई भी जवान लड़का बेकाबू हो जाए। ये कहानी मेरे बर्थडे की है, जब भाभी ने मुझे ऐसा गिफ्ट दिया, जो मैं जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँगा।

सितंबर का महीना था। मुझे एक हफ्ते के लिए भटिंडा से चंडीगढ़ जाना था। डैड ने भैया से बात की, और मैं उनके घर ठहरने के लिए तैयार हो गया। चंडीगढ़ में मेरे कुछ दोस्त भी रहते हैं, तो मैंने सोचा कि काम के साथ-साथ थोड़ी मस्ती भी हो जाएगी। एक सितंबर को ठीक 12 बजे मैं चंडीगढ़ पहुँच गया। भैया मुझे स्टेशन लेने आए थे। हम उनके घर पहुँचे, जो एक तीन मंजिला फ्लैट जैसा मकान था। ग्राउंड फ्लोर पर ताऊजी और ताईजी रहते हैं, भैया और भाभी पहली मंजिल पर, और दूसरी मंजिल खाली थी, जहाँ मुझे ठहरना था।

घर पहुँचते ही मैं ताऊजी और ताईजी से मिला। फिर नजर पड़ी भाभी रागिनी पर। उफ्फ! क्या कयामत ढा रही थीं वो! काली पारदर्शी साड़ी, जो नाभि से नीचे बंधी थी, और उसमें से उनकी गोरी, चिकनी कमर साफ दिख रही थी। 34 के मम्मे ब्लाउज में कैद, लेकिन जैसे आजाद होने को बेताब। उनकी गांड का उभार तो ऐसा था कि लंड तुरंत सलामी देने लगा। भाभी को देखते ही मेरा दिल बोला, “बस, यही है वो माल, जिसे चोदना है!” पहले तो मेरे मन में उनके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था, लेकिन उस काली साड़ी में उनकी वो मादक अदा देखकर मैंने ठान लिया कि कुछ तो करना ही पड़ेगा।

भाभी बहुत फ्रेंडली थीं। वो हँस-हँसकर बात करतीं, और उनकी हर अदा में एक शरारत भरी थी। हम सब बैठकर बातें कर रहे थे, तभी भैया ने मुझे दूसरी मंजिल की चाबी दी और कहा कि मैं वहाँ रहूँगा। वहाँ टीवी, फ्रिज, सब कुछ था। भैया मुझे कमरा दिखाने ले गए, लेकिन तभी उनके ऑफिस से कॉल आया, और वो जल्दी से निकल गए। मैं वापस नीचे ताऊजी और ताईजी के पास आ गया। थोड़ी देर बाद भाभी का मैसेज आया, “कहाँ हो?”

मैंने जवाब दिया, “नीचे ताऊजी के साथ।” उनका रिप्लाई आया, “ओके।”

थोड़ी देर बाद मैं भाभी से मिलने ऊपर गया। भाभी ने पूछा, “दूसरे माले का माहौल कैसा लगा?” मैंने कहा, “अच्छा था।” भाभी बोलीं, “जब तुम नीचे थे, तुम्हारे भैया का फोन आया था।” मैंने पूछा, “क्या कह रहे थे?” भाभी ने बताया, “वो कह रहे थे कि उन्हें इलाहाबाद जाना पड़ रहा है।”

मैं मन ही मन खुश हो गया, लेकिन चेहरे पर उदासी दिखाते हुए बोला, “अच्छा? तो मेरे बर्थडे पर, 4 सितंबर को, भैया नहीं होंगे?” भाभी ने मुस्कुराकर कहा, “नहीं, वो 8 सितंबर को आएँगे।” मैंने उदास होने का नाटक करते हुए कहा, “ओह, शिट…” भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, “उदास मत हो, मैं हूँ ना! तेरा बर्थडे इस बार का बेस्ट होगा, देख लेना।”

मेरे दिमाग में लड्डू फूटने लगे। मैंने सोचा, “हाँ, भाभी, बेस्ट तो होगा ही, और यादगार भी!” तभी ताऊजी का फोन आया कि उन्हें और ताईजी को बाहर जाना है, और वो शाम तक लौटेंगे। वैसे भी, उनका नीचे रहना मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता था, क्योंकि भाभी तो पहली मंजिल पर थीं।

हमने लंच किया, और फिर भाभी और मैं बातों में लग गए। भाभी ने अचानक पूछा, “तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने कहा, “नहीं, भाभी।” वो हँसते हुए बोलीं, “क्या? इतने हैंडसम लड़के की कोई गर्लफ्रेंड नहीं? सच बता!” मैंने कहा, “सच में नहीं है, भाभी। आपसे क्या छुपाना?” वो बोलीं, “अच्छा? लेकिन इस उम्र में तो सबकी कोई ना कोई होती है। तुझे कोई क्यों नहीं मिली?” मैंने शरारत भरे लहजे में कहा, “क्योंकि आप जैसी कोई मिली ही नहीं, जो इतनी सुंदर हो और फिगर भी ऐसा हो।”

भाभी ने हँसते हुए कहा, “अच्छा, मेरा फिगर पसंद है तुझे? बदमाश, गर्लफ्रेंड नहीं है तो भाभी से फ्लर्ट कर रहा है!” मैंने कहा, “हाँ, भाभी, आप सच में बहुत सुंदर हो। आपका फिगर साइज क्या है?” वो अपनी छाती उभारते हुए बोलीं, “देख ले, पूरी 34-26-36 की फिगर है।” फिर वो अपनी गांड मटकाते हुए वहाँ से चली गईं। मेरे लंड ने तुरंत टेंट बनाना शुरू कर दिया।

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तभी मेरा दोस्त का फोन आया, और मैंने भाभी से कहा, “मैं 8 बजे तक लौटूँगा।” भाभी ने कहा, “जल्दी आना।” मैं दोस्तों से मिलने चला गया। रात 8 बजे घर लौटा, और ताऊजी, ताईजी, भाभी और मैंने साथ डिनर किया। डिनर के बाद मैं ऊपर अपने कमरे में चला गया। टीवी देख रहा था कि भाभी का मैसेज आया, “बोर हो रही हूँ, नीचे आ जा।”

मैं नीचे गया और भाभी के साथ टीवी देखने लगा। तभी भाभी ने कहा, “मोहित, आज तू यहीं सो जा। मुझे अकेले डर लगता है।” मैंने कहा, “ठीक है, भाभी।” हम बातें करते रहे, फिर भाभी ने कहा, “तू दूसरे कमरे में सो जा।”

ये सुनकर मेरा दिल टूट गया। मैं तो भाभी के साथ कुछ करने के सपने देख रहा था, और वो मुझे दूसरे कमरे में भेज रही थीं। मन में सोचा, “साले, अब क्या मुठ मारूँ?” लेकिन बाहर से सिर्फ कहा, “ओके, भाभी। गुड नाइट।”

मैं दूसरे कमरे में लेट गया, लेकिन नींद कहाँ आने वाली थी। तभी भाभी की आवाज आई, “मोहित!” मैं तुरंत उनके कमरे की ओर भागा। दरवाजा खोला तो देखा, भाभी ने साड़ी उतार दी थी और सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं। उनके गोरे मम्मे ब्लाउज में उभरे हुए थे, और वो बटन खोलने की कोशिश कर रही थीं।

भाभी बोलीं, “मोहित, मेरे ब्लाउज के बटन नहीं खुल रहे। मदद कर ना।” मैंने मन में सोचा, “लो, मौका आ गया!” मैंने कहा, “हाँ, भाभी।”

मैं उनके पास गया और बटन खोलने की कोशिश की, लेकिन वो सच में जाम थे। मैंने पहले हाथों से कोशिश की, फिर दाँतों से। मेरे हाथ उनकी पीठ पर थे, और मुँह उनके मम्मों के बीच की गहरी खाई में। मैंने हल्का सा उनके मम्मों को काटा, तो भाभी मचल उठीं, “आउच!”

मैंने कहा, “क्या हुआ?” वो बोलीं, “तेरा दाँत लग गया।” मैंने कहा, “सॉरी, भाभी।” वो हँसते हुए बोलीं, “कोई बात नहीं।”

फिर भाभी ने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह को अपने मम्मों की ओर दबाया। मेरी दाढ़ी उनकी नरम त्वचा पर चुभ रही थी, और वो धीमी-धीमी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह… मोहित, तू शेव क्यों नहीं करता, यार?”

मैं कुछ बोल पाता, उससे पहले मेरा मुँह उनके मम्मों में दब गया। मैं साँस भी मुश्किल से ले पा रहा था। जैसे-तैसे मैंने उनके बटन खोले, लेकिन अब मेरा लंड पूरी तरह तन चुका था। भाभी ने ब्लाउज संभाला और बोलीं, “थैंक्यू, मोहित। अब जा, सो जा।”

मेरे लंड पर जैसे हथौड़ा मार गया। मैंने सोचा, “ये क्या? इतना सब करके अब सोने भेज रही हो?” मैं बाथरूम गया, भाभी के नाम की मुठ मारी, और फिर सोने चला गया।

अगली सुबह 8:15 बजे उठा। भाभी नहा-धोकर तैयार थीं। पीले रंग का टाइट सलवार सूट, जिसमें उनकी जाँघें और गांड का उभार साफ दिख रहा था। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।

भाभी ने कहा, “गुड मॉर्निंग! कल रात नींद कैसी थी?” मैंने कहा, “अच्छी थी।” वो हँसते हुए बोलीं, “हाँ, मेरी मदद करने के बाद तो अच्छी नींद आई होगी। चल, नहा ले, मैंने तेरे लिए चीज़ सैंडविच बनाए हैं।”

मैं नहाकर आया, और हमने साथ ब्रेकफास्ट किया। फिर मैंने कहा, “भाभी, मैं बाहर जा रहा हूँ।” वो बोलीं, “कब तक आएगा?” मैंने कहा, “शाम तक।”

रात 7 बजे मैं लौटा। भाभी ने दरवाजा खोला। मैंने कहा, “भाभी, मुझे कुछ काम है, मैं ऊपर जा रहा हूँ।” वो बोलीं, “ठीक है, लेकिन डिनर के लिए नीचे आ जाना।”

8:15 बजे मैं डिनर के लिए नीचे गया। डिनर के बाद मैंने कहा, “भाभी, मैं जा रहा हूँ।” वो बोलीं, “रुक, एक काम कर दे। आज मैंने बहुत काम किया, मेरी कमर में दर्द हो रहा है। मेरी मसाज कर दे।”

मेरे दिमाग में फिर लड्डू फूटने लगे। मैंने सोचा, “इस बार तो चोद ही डालूँगा!” भाभी ने मुझे मसाज लोशन दिया और अपनी कमीज़ मम्मों के नीचे तक उठा ली। वो पेट के बल बिस्तर पर लेट गईं। मैंने लोशन लिया और उनकी गोरी, चिकनी कमर पर हाथ फेरना शुरू किया। उनकी त्वचा इतनी नरम थी कि मेरा लंड तुरंत टाइट हो गया। मैं उनकी कमर और पेट पर धीरे-धीरे मसाज करने लगा। भाभी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह… उह… हाय… बहुत अच्छा लग रहा है…”

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मैंने सोचा, “बस, अब मौका है!” लेकिन तभी भाभी पेट के बल लेट गईं और बोलीं, “मेरी पीठ की भी मसाज कर दे।” फिर उन्होंने अपनी कमीज़ पूरी उतार दी। उनकी रेड ब्रा में उनके मम्मे उभरे हुए थे। वो बोलीं, “मेरी ब्रा का हुक खोल दे।”

मैंने हुक खोला, और उनकी नंगी पीठ पर मसाज शुरू की। मेरे हाथ उनकी गर्म, मुलायम त्वचा पर फिसल रहे थे। मैंने धीरे-धीरे हाथ नीचे ले जाना शुरू किया, लेकिन भाभी बोलीं, “बस, पीठ की मसाज कर। कहीं और नहीं।”

मेरा जोश ठंडा पड़ गया। 15 मिनट मसाज के बाद वो बोलीं, “बस, थैंक्यू, मोहित। अब जा, अपना काम कर।”

मैं गुस्से में ऊपर गया, भाभी के नाम की मुठ मारी, और सो गया। मन में सोच रहा था, “साली, तड़पा रही है, लेकिन चुदेगी जरूर।”

अगले दिन सुबह 8 बजे भाभी का मैसेज था, “उठ गया तो ब्रेकफास्ट के लिए नीचे आ जा। और शेव कर लेना।” मैंने शेव की, नहाया, और ब्रेकफास्ट के लिए नीचे गया।

भाभी ने पूछा, “कल तेरा बर्थडे है। क्या प्लान है?” मैंने हँसते हुए कहा, “मैंने क्या प्लान करना? आपने तो कहा था कि मेरा बर्थडे यादगार बनाओगी। आप बताओ, क्या प्लान किया?” वो बोलीं, “मैंने तेरे लिए ऐसा गिफ्ट प्लान किया है, जो तुझे कोई और नहीं दे सकता।” मैंने कहा, “अच्छा? देखते हैं।”

फिर मैं दोस्तों से मिलने चला गया और बोला, “रात 10 बजे तक लौटूँगा।” रात 10:30 बजे मैं घर पहुँचा और सीधे दूसरी मंजिल पर गया। टीवी देखा और लेट गया। रात 12 बजे मेरे दोस्तों के बर्थडे मैसेज आने लगे। तभी भाभी का मैसेज आया, “जल्दी नीचे आ। और हाँ, शेव करके आना।”

मैंने सोचा, “शेव? सुबह तो कर ली थी।” फिर ख्याल आया कि शायद भाभी नीचे के बालों की बात कर रही हैं। मैंने जल्दी से अपने प्यूबिक हेयर साफ किए और नीचे गया।

दरवाजा खुला था। जैसे ही अंदर घुसा, एक नशीली खुशबू ने मुझे घेर लिया। कमरा अंधेरे में था, लेकिन 5 सेकंड बाद लाइट्स जलीं। सामने भाभी खड़ी थीं, लाल साड़ी और बैकलेस ब्लाउज में। उनकी गोरी त्वचा और लाल लिपस्टिक मानो आग लगा रही थी। वो साड़ी इतनी टाइट थी कि उनके हर कटाव को उभार रही थी। मैं तो बस देखता रह गया।

भाभी ने आगे बढ़कर मेरे गाल पर किस किया, जिससे लिपस्टिक का निशान पड़ गया। फिर वो एक बड़ा सा बर्थडे केक ले आईं। मैंने पूछा, “इतना बड़ा केक क्यों?” वो बोलीं, “सब कुछ धीरे-धीरे पता चल जाएगा।”

केक काटने से पहले मेरा फोन बजने लगा। भाभी ने मेरा फोन लिया, स्विच ऑफ किया, और बोलीं, “अब कोई दोस्तों से बात नहीं।” मैंने कहा, “ठीक है।”

मैंने केक काटा और भाभी को खिलाया। उन्होंने केक के साथ मेरी उंगली चूस ली। मैंने कहा, “क्या, भाभी!” वो हँसते हुए बोलीं, “सॉरी। चल, बेडरूम में। मैं केक ले जा रही हूँ, तू लाइट्स ऑफ कर दे।”

मैंने लाइट्स ऑफ की और बेडरूम में गया। वहाँ का नजारा देखकर मैं दंग रह गया। कमरे में मोमबत्तियों की रोशनी, बेड पर गुलाब की पंखुरियाँ, और एक सेक्सी परफ्यूम की खुशबू। माहौल ऐसा था कि लंड अपने आप खड़ा हो जाए।

भाभी ने फिर मेरे गाल पर किस किया और बोलीं, “अब मुझे मेरा रिटर्न गिफ्ट दे।” मैंने उनके गाल पर किस किया। वो बोलीं, “ये क्या? 18 साल का हो गया और बच्चों जैसे किस करता है? बड़ों की तरह कर।”

मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखे। उनकी लिपस्टिक का स्वाद मेरे मुँह में घुलने लगा। मैंने अपना मुँह खोला, और भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मैं उनकी जीभ चूस रहा था, और वो मेरे निचले होंठ को हल्का सा काट रही थीं। “आह…” मेरी सिसकारी निकल गई।

10 मिनट तक हम स्मूच करते रहे। फिर भाभी ने मेरी टी-शर्ट उतारी, केक लिया, और मेरी गर्दन और छाती पर लगा दिया। वो मेरी छाती को चाटने लगीं, मेरे निप्पल्स को चूसने लगीं। “आह… भाभी…” मैं सिसकार रहा था। वो मेरे मुँह पर उंगली रखकर बोलीं, “चुप…”

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भाभी ने मेरे शॉर्ट्स उतारे और मेरे हाथ-पैर बिस्तर से बाँध दिए। फिर मेरी आँखों पर पट्टी बाँध दी। अचानक मेरे तलवों में गुदगुदी होने लगी। भाभी एक पंख से मेरे तलवों को सहला रही थीं। फिर वो मेरे पेट, बगलों, और छाती पर अपनी गर्म साँसें छोड़ने लगीं। मैं हँस रहा था, लेकिन मेरा लंड टाइट हो चुका था।

भाभी मेरे कान के पास आईं और बोलीं, “मजा आ रहा है?” मैंने कहा, “हाँ…” वो मेरे कान की लौ को हल्का सा काटने लगीं, फिर मेरे निप्पल्स को चूसने और काटने लगीं। उन्होंने मेरे मुँह पर केक लगाया और स्मूच करने लगीं। वो स्मूच इतनी गीली और गर्म थी कि मैं पागल हो रहा था।

फिर भाभी ने मेरी आँखों की पट्टी खोली, लेकिन हाथ-पैर बंधे रहे। उन्होंने मेरे अंडरवियर से मेरा 6 इंच का लंड निकाला, उस पर लोशन लगाया, और हैंडजॉब देने लगीं। “आह… भाभी… उह…” मैं सिसकार रहा था। जैसे ही मैंने कहा, “मैं झड़ने वाला हूँ,” उन्होंने हाथ हटा लिया और मेरे कानों और निप्पल्स पर फूँक मारने लगीं। मैं तड़प रहा था।

फिर भाभी ने मेरे हाथ-पैर खोले और एक चाकू देकर बोलीं, “मेरी साड़ी फाड़ दे।” मैंने कहा, “फाड़ दूँ? उतार भी तो सकते हैं।” वो बोलीं, “नहीं, मेरी फंतासी है कि कोई मेरी साड़ी फाड़कर मुझे चोदे।”

मैंने उनकी साड़ी का पल्लू फाड़ा, फिर ब्लाउज और पेटीकोट भी। अंदर उन्होंने कुछ नहीं पहना था। उनकी गोरी चूत और 34 के मम्मे मेरे सामने थे। मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया, उनके होंठों, गर्दन, और छाती को चूमा। फिर उनके मम्मों को चूसने लगा। “आह… मोहित… उह… चूस और जोर से…” भाभी सिसकार रही थीं। मैंने उनके निप्पल्स को हल्का सा काटा, जिससे वो और मचल उठीं।

मैं उनकी नाभि को चूमने लगा, फिर उनकी बगलों में मुँह डालकर चाटने लगा। उनकी बगलों से मादक खुशबू आ रही थी। फिर हम 69 पोजीशन में आ गए। भाभी मेरे लंड को चूस रही थीं, और मैं उनकी चूत को चाट रहा था। “आह… उह… मोहित… और चाट…” उनकी चूत गीली हो चुकी थी। मैं उनकी गांड को दबा रहा था, और हल्के-हल्के थप्पड़ मार रहा था। उनकी गोरी गांड लाल हो गई।

कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए। भाभी मेरी छाती पर लेट गईं, मेरे निप्पल्स पर उंगली फेरते हुए फ्रेंच किस करने लगीं। थोड़ी देर बाद वो बोलीं, “दूसरे राउंड के लिए तैयार?” मैंने कहा, “आजा, मेरी जान।” वो हँसते हुए बोलीं, “ले, मेरे राजा।”

भाभी ने मुझे कंडोम दिया। मैंने लंड पर कंडोम चढ़ाया और भाभी के ऊपर आ गया। उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट किया। मैंने धीरे से धक्का मारा। “आह…” भाभी की सिसकारी निकली। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “आह… उह… मोहित… और जोर से… चोद मुझे…” भाभी चिल्ला रही थीं।

मोमबत्तियों की रोशनी में उनकी गोरी चूत चोदने का मजा ही अलग था। “पच… पच…” मेरे धक्कों की आवाज कमरे में गूँज रही थी। भाभी की सिसकारियाँ, “आह… उह… हाय… और जोर से… फक मी हार्ड…” मेरे जोश को बढ़ा रही थीं। मैंने उनके मम्मों को दबाते हुए और तेज धक्के मारे। “आह… मोहित… चोद… और चोद…” भाभी पागल हो रही थीं।

15 मिनट तक मैंने उन्हें चोदा, और फिर हम दोनों साथ में झड़ गए। मैंने कंडोम उतारा, और हम दोनों बाथरूम गए। एक-दूसरे को साफ किया, फिर बेडरूम में आकर लेट गए। भाभी मेरे सीने पर सिर रखकर स्मूच करने लगीं। फिर हम चिपककर सो गए।

4 से 6 सितंबर तक हर रात मैंने भाभी को जमकर चोदा। 7 की सुबह आखिरी बार चोदा, क्योंकि रात को मेरी ट्रेन थी।

क्या आपकी भी ऐसी कोई हॉट भाभी है? अपनी कहानी कमेंट में बताएँ।

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