Pados wali bhabhi ki chudai हेलो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और मैं मुंबई से हूँ। मेरी उम्र 25 साल है, मैं एक फिट लड़का हूँ, जिम जाता हूँ, और मेरा रंग गोरा है। मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मेरे साथ 6 महीने पहले घटी। ये कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी के साथ मेरे रिश्ते की है, जो धीरे-धीरे दोस्ती से कुछ ज्यादा ही बन गई।
ये बात तब की है जब मेरे पड़ोस में एक नया कपल किराए पर रहने आया। भाभी का नाम रीना था, उम्र करीब 32 साल, और उनके पति का नाम अजय। अजय भैया 35 साल के थे, उनका इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस था, जिसके चलते वो महीने में 15-20 दिन बाहर रहते थे। रीना भाभी की शादी को 7-8 साल हो चुके थे, लेकिन उनका कोई बच्चा नहीं था। भाभी दिखने में बेहद खूबसूरत थीं, उनका फिगर 34-28-34 का होगा। उनके बड़े-बड़े स्तन और गोल-मटोल नितंब जब वो चलती थीं तो ऐसे हिलते थे कि कोई भी मर्द पागल हो जाए। उनका गोरा रंग, लंबे काले बाल, और भरी-भरी आँखें उन्हें और भी आकर्षक बनाती थीं। उनके होंठ गुलाबी थे, और जब वो मुस्कुराती थीं, तो दिल में एक अजीब सी हलचल मच जाती थी।
कुछ दिन बाद हमारी जान-पहचान हो गई। धीरे-धीरे मैं और भाभी अच्छे दोस्त बन गए। मैं अक्सर उनके घर जाता, कभी चाय पीने, कभी कुछ काम से। लेकिन सच कहूँ, मैं तो बस भाभी को देखने जाता था। उनके हुस्न का जादू मुझ पर ऐसा चढ़ा कि मैं उनके बारे में दिन-रात सोचने लगा। उनके बड़े-बड़े स्तन और उनकी मटकती गाँड के बारे में सोचकर मैं रात को अपने कमरे में मुठ मारता था। मैं हर बार यही सोचता कि काश, मैं उन्हें एक बार चोद पाऊँ। लेकिन ये सिर्फ मेरे खयालों की बात थी, हिम्मत तो थी नहीं कि कुछ कर पाऊँ।
एक दिन मैं उनके घर गया। उनका दरवाजा खुला था, मैंने बेल बजाने की बजाय सीधे अंदर चला गया। घर में सन्नाटा था, शायद भाभी बाथरूम में थीं। मैं सोफे पर बैठ गया और इधर-उधर देखने लगा। तभी मेरी नजर एक किताब पर पड़ी, जो मेज पर रखी थी। मैंने उसे उठाया तो देखा कि ये एक एक्सएक्सएक्स मैगजीन थी, जिसमें मर्दों की नंगी तस्वीरें थीं। हर तस्वीर में बड़े-बड़े लंड थे, जो देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। मैंने जल्दी से किताब वापस रख दी, लेकिन मेरा दिमाग गरम हो चुका था। तभी मुझे बाथरूम से पानी की आवाज आई। मैं चुपके से बाथरूम की तरफ बढ़ा और कीहोल से झाँकने की कोशिश की।
जो मैंने देखा, उसने मेरे होश उड़ा दिए। रीना भाभी पूरी नंगी नहा रही थीं। उनका गोरा बदन साबुन के झाग से ढका था। वो अपने बड़े-बड़े स्तनों पर साबुन मल रही थीं, और फिर धीरे-धीरे अपनी चूत पर हाथ फेरने लगीं। उनकी दो उंगलियाँ उनकी चूत के अंदर-बाहर हो रही थीं, और वो हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह… ऊह…” उनकी आँखें बंद थीं, और चेहरा कामुकता से भरा था। वो अपनी चूत को और तेजी से रगड़ने लगीं, और उनकी सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह… हाय… मैं झड़ने वाली हूँ…” ये देखकर मेरा 8 इंच का लंड मेरी पैंट में तंबू बनाकर फटने को तैयार था। मैं वहाँ से भागा और अपने घर आकर अपने कमरे में घुस गया। मैंने अपनी पैंट उतारी, लंड बाहर निकाला, और भाभी की नंगी तस्वीर को याद करके मुठ मारने लगा। मेरे दिमाग में बस यही था कि भाभी को क्या चाहिए, मैं समझ गया। उनकी चूत में आग लगी थी, और वो एक मोटे, लंबे लंड की प्यासी थीं।
आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
अगले दिन पता चला कि अजय भैया 7 दिन के टूर पर जा रहे हैं। मेरे दिमाग में लड्डू फूटने लगे। ये मौका था भाभी को चोदने का। जाते वक्त अजय भैया ने मुझसे कहा, “समीर, एक हफ्ते के लिए रीना का ख्याल रखना।” मैंने मन ही मन सोचा, “ख्याल तो मैं ऐसा रखूँगा कि भाभी जिंदगी भर याद रखेंगी।” भाभी ने भी मुस्कुराकर कहा, “कोई बात नहीं, मैं और समीर एक-दूसरे का ख्याल रख लेंगे।” उस रात मैं भाभी के घर खाना खाने गया। खाने के बाद मैंने उन्हें अपनी फ्लैट की चाबी दी और कहा, “भाभी, अगर सुबह मुझे उठने में देर हो जाए तो प्लीज मुझे उठा देना।” भाभी ने हँसकर कहा, “ठीक है, मैं तुम्हें सुबह उठा दूँगी।” मैं अपने फ्लैट पर आ गया, लेकिन नींद कहाँ आने वाली थी? मैं भाभी के बारे में सोच रहा था, और मेरा लंड बार-बार खड़ा हो रहा था।
अगली सुबह मैं बिस्तर पर था। रात की मुठ मारने की वजह से मेरा लंड अभी भी सख्त था। मैंने अपना शॉर्ट्स उतारा और भाभी को याद करके फिर से मुठ मारना शुरू कर दिया। मैं इतना खोया हुआ था कि मुझे पता ही नहीं चला कि भाभी कब मेरे कमरे में आ गईं। उन्होंने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया और हँसते हुए बोलीं, “अरे समीर, ये क्या कर रहे हो? इतना बड़ा लंड हिलाकर क्यों तंग कर रहे हो?” मैं एकदम घबरा गया और जल्दी से शॉर्ट्स पहनने लगा। भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे, शर्माओ मत। तुम्हारा तो बहुत बड़ा है। इसे ऐसे क्यों परेशान कर रहे हो?” मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, “भाभी, ये मुझे बहुत तंग करता है, इसलिए हिला रहा हूँ।” भाभी ने आँख मारते हुए कहा, “तो आज मैं इसकी तंग करने की आदत छुड़ा देती हूँ।”
मैंने देखा कि भाभी की आँखों में वासना की चमक थी। मैंने हिम्मत करके कहा, “भाभी, सचमुच आपका मन नहीं करता कि कोई बड़ा लंड आपकी चूत में जाए?” भाभी ने शरमाते हुए कहा, “हाय, अगर मेरे पति को पता चल गया तो बहुत बुरा होगा।” मैंने कहा, “जब हम किसी को बताएँगे ही नहीं, तो किसी को कैसे पता चलेगा?” ये सुनकर भाभी मुस्कुराईं और अपने होंठों पर जीभ फेरने लगीं। मुझे समझ आ गया कि वो तैयार हैं, लेकिन पहल मुझसे चाहती हैं। मैंने धीरे से उनके करीब जाकर उनके स्तनों पर हाथ रखा और सहलाने लगा। भाभी कुछ नहीं बोलीं, बस मुस्कुराती रहीं। मैंने उनकी नाइटी उतार दी। अब वो सिर्फ काली ब्रा और गुलाबी पैंटी में थीं। उनका गोरा बदन और भरे हुए स्तन देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने उनकी ब्रा उतारी तो उनके गोल-मटोल स्तन बाहर आ गए। उनके निप्पल गुलाबी और फूले हुए थे, जैसे कोई मोनैका बिस्किट। मैंने उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके स्तनों को जोर-जोर से मसलने लगा। भाभी भी मुझे कसकर पकड़े हुए थीं। मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया। भाभी भी मेरे होंठ चूस रही थीं और अपनी चूचियों को मसलवा रही थीं।
फिर भाभी ने मेरा बनियान उतार दिया। मैंने उनकी पैंटी में हाथ डाला और उनकी चूत को सहलाने लगा। उनकी चूत पहले से ही गीली थी। मैंने एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। भाभी सिसकारियाँ लेने लगीं, “आह… समीर… और करो…” उनकी चूत और गीली हो गई। मैंने उनकी पैंटी उतार दी। अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे। भाभी ने मेरे लंड को देखा और बोलीं, “हाय रे समीर, तुम नंगे तो बहुत सुंदर लगते हो। तुम्हारा ये लंबा, मोटा लंड देखकर तो कोई भी औरत अपनी चूत में लेना चाहेगी।” मैंने कहा, “भाभी, मुझे कोई और औरत नहीं चाहिए। क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत में लेना चाहती हैं?” भाभी ने शरमाते हुए कहा, “अरे, तुम अब तक नहीं समझे? मैं तो कब से तुम्हारे लंड से अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ। अब जल्दी से मुझे चोदो। मेरी चूत में आग लगी है।”
भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगीं। मैंने उनका एक स्तन अपने मुँह में लिया और चूसने लगा, जबकि दूसरा स्तन मैं मसल रहा था। भाभी पूरी तरह गरम हो चुकी थीं। उन्होंने मुझे बेड पर धकेल दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर देखने लगीं। फिर बोलीं, “वाह, तुम्हारा लंड तो बहुत सेक्सी है। आज मेरी चूत इस लंड से खूब मजे लेगी। तुम चुपचाप लेटे रहो, मुझे तुम्हारे लंड का पानी चखना है।” मैंने कहा, “ठीक है भाभी, जब तक आप मेरे लंड का स्वाद चखेंगी, मैं भी आपकी चूत का स्वाद लूँगा। आइए, हम 69 पोजीशन में लेटते हैं।”
आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
हम दोनों बेड पर लेट गए, मैं नीचे और भाभी मेरे ऊपर। भाभी ने मेरे लंड के सुपारे को अपने होंठों से चूमा और फिर उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। कभी-कभी वो अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटतीं। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैंने अपना लंड उनके मुँह में और गहरे तक पेल दिया। भाभी ने लंड को मुँह से निकाला और बोलीं, “वाह मेरे राजा, और पेलो अपने लंड को मेरे मुँह में। बाद में इसे मेरी चूत में पेलना।” मैंने उनके दोनों पैर फैलाए। उनकी झांटों वाली चूत मेरे सामने पूरी खुली थी। मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डाली और अंदर-बाहर करने लगा। भाभी जोर से चिल्लाईं, “हाय! समय बर्बाद मत करो। मेरी चूत को उंगली नहीं, तुम्हारी जीभ चाहिए। पहले इसे चाटो, फिर अपना लंड खिलाओ। मेरी चूत तुम्हारे लंड के लिए तरस रही है।” मैंने कहा, “चिंता मत करो भाभी, पहले आपकी चूत का रस चख लेता हूँ। सुना है खूबसूरत औरत की चूत का रस बहुत मीठा होता है।” भाभी बोलीं, “जो चाहे करो, ये चूत अब तुम्हारी है। जैसे चाहो मजे लो। और हाँ, अब ये आप-आप क्या लगा रखा है? मुझे रीना कहो।”
मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में घुसेड़ दी। भाभी चिल्लाईं, “आह… हाय… चूसो मेरी चूत को… और जोर से चूसो… मेरी चूत की गुदगुदी को चाटो… आह… बहुत मजा आ रहा है…” उनकी चूत से रस टपक रहा था। मैंने उनकी चूत को चाट-चाटकर सारा रस पी लिया। उधर भाभी मेरे लंड को जोर-जोर से चूस रही थीं। मैं उनके मुँह में ही झड़ गया। मेरा सारा माल उनके मुँह में गया, और उन्होंने उसे पूरा पी लिया। भाभी का चेहरा अब कामुकता से चमक रहा था। वो बोलीं, “चूत चुसाई में तो मजा आ गया, अब चूत चुदाई का मजा लेना चाहती हूँ। जल्दी से अपना लंड तैयार करो और मेरी चूत में पेलो। अब मुझसे रहा नहीं जाता।”
मैंने भाभी को बेड पर लिटाया, उनके दोनों पैर ऊपर उठाए और घुटनों से मोड़ दिए। मैंने अपने लंड का सुपारा उनकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे-धीरे रगड़ने लगा। भाभी अपनी कमर हिला-हिलाकर चुदाई के लिए तड़प रही थीं। वो बोलीं, “साले, बकचोद, फ्री में पराई औरत की चूत चोदने को मिल रही है, और तू अपने खड़े लंड को मेरी चुदास वाली चूत में नहीं पेल रहा? जल्दी से अपना मूसल जैसा लंड मेरी चूत में घुसा, वरना मैं अपनी उंगली डालकर अपनी चूत की गर्मी निकाल लूँगी।” मैंने उनके स्तनों को पकड़ा, उनके निप्पल मसले, और उनके होंठ चूमते हुए कहा, “अरे मेरी रानी, जरा ठहरो। पहले तुम्हारे इस गोरे, नंगे बदन का मजा ले लूँ। फिर तुम्हें जी भरकर चोदूँगा। तुम्हारा ये 32 साल का गठीला बदन देखने में मस्त लग रहा है।” भाभी बोलीं, “साले, मेरी जवानी का मजा बाद में लेना, अभी तो मुझे चोदो। मेरी चूत में आग लगी है। जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में पेल दो।”
मैंने अपने लंड का सुपारा उनकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से अंदर डाला। भाभी ने अपनी कमर को जोर से उछाला, और मेरा 8 इंच का लंड पूरा उनकी चूत में घुस गया। “आह… हाय…” भाभी ने एक गहरी सिसकारी भरी। वो बोलीं, “हाय, क्या शांति मिली तुम्हारा लंड अपनी चूत में डलवाकर। बहुत दिनों से इच्छा थी कि किसी लंबे, मोटे लंड से चुदूँ। आज वो इच्छा पूरी हो गई।” मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उनकी चूत में अंदर-बाहर करना शुरू किया। उनकी चूत बहुत टाइट थी, शायद उनके पति का लंड छोटा था। मुझे भी उनकी टाइट चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा था। भाभी मेरी चुदाई से पागल हो रही थीं, “हाय मेरे राजा… और पेलो… और जोर से पेलो अपनी भाभी की चूत में अपना मोटा लंड… आह… तुम्हारी भाभी की चूत तुम्हारा लंड खाकर निहाल हो रही है… ऊह… लंबे, मोटे लंड की चुदाई का मजा कुछ और ही है… बस, मजा आ गया… हाँ, ऐसे ही अपनी कमर उछाल-उछालकर मेरी चूत में अपना लंड डालो… मेरी चूत की चिंता मत करो… फट जाए तो फट जाए… मेरी चूत को भी बहुत दिनों से शौक था मोटा लंड खाने का…”
मैं भी जोर-जोर से उनकी चूत में लंड पेल रहा था, “हाय मेरी रानी… ले… ले… जी भरकर अपनी चूत में मेरा लंड ले… मेरा नसीब अच्छा है जो मुझे तुम जैसी औरत की चूत चोदने को मिली… बताओ भाभी, मेरी चुदाई कैसी लग रही है? सच-सच बताना, मैं अच्छा चोदता हूँ या तुम्हारा पति?” भाभी बोलीं, “हाय रे समीर, तुम्हारी चुदाई से मैं बहुत खुश हूँ। मेरा पति तो मुझे चोदता है, लेकिन उसकी और तुम्हारी चुदाई में बहुत फर्क है। वो रात को बिस्तर पर लेटकर जल्दी से मुझे नंगी करता है, मेरी टाँगें उठाता है, और अपना लंड मेरी चूत में पेल देता है। उसे इस बात का अहसास नहीं कि औरत को गरम होने में वक्त लगता है। वो 2 मिनट चोदता है और झड़ जाता है। मैं प्यासी रह जाती हूँ। लेकिन तुम्हारा ये मोटा, लंबा लंड मेरी चूत को फैला देगा। अब शायद मुझे उनके छोटे लंड से मजा नहीं आएगा।”
आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैंने पूछा, “भाभी, सच बताओ, शादी से पहले तुमने किसी और के लंड को अपनी चूत में लिया था?” भाभी बोलीं, “हाँ, मेरा एक एक्स बॉयफ्रेंड था, जो अब मुंबई में है। उसकी शादी हो चुकी है। उसने मेरी शादी से पहले मुझे कई बार चोदा था। लेकिन उसका लंड छोटा और पतला था, मुझे उसकी चुदाई में मजा नहीं आता था। हाँ, वो मेरी चूत को चाटने और चूसने में माहिर था। जब भी वो दिल्ली आता, मेरी चूत जरूर चोदता था। लेकिन अब उसकी शादी हो गई है।”
हम दोनों बातें करते हुए चुदाई का मजा ले रहे थे। भाभी दो बार झड़ चुकी थीं। उनकी चूत से रस टपक रहा था, और हर धक्के के साथ “पच-पच” की आवाज आ रही थी। मैंने अपना लंड उनकी चूत में गहरे तक पेला और उनके अंदर ही झड़ गया। “आह… ऊह…” हम दोनों एक साथ सिसकारियाँ ले रहे थे। चुदाई के बाद मैं उनके ऊपर ही लेट गया। कुछ देर बाद भाभी उठीं, अपने कपड़े पहने, मेरे गाल पर एक चुम्मा दिया, और अपने घर चली गईं।
तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी कहानी? प्लीज अपने कमेंट्स जरूर बताएँ।