सामूहिक चुदाई में पति, देवर और जेठ ने मुझे खूब चोदा

हाय दोस्तों, मैं मानसी हूँ। उम्र 33 साल, और मैं एक ऐसी औरत हूँ जिसका जिस्म देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। मेरा गोरा रंग, भरा हुआ बदन, और 36-28-36 का फिगर हर मर्द की आँखों में वासना जगा देता है। मेरी शादी शामली में हुई, जो कैराना के पास है। मेरा पति अरमान, 35 साल का, एकदम मस्त मर्द है, जिसका 8 इंच का लंड मुझे हर रात चोदकर तृप्त करता है। मेरा देवर सनी, 28 साल का, जवान और ठरकी, जिसका 10 इंच का हथियार किसी को भी पागल कर दे। और मेरा जेठ राहुल, 40 साल का, अनुभवी और हवसी, जिसका 12 इंच का लंड किसी नीग्रो से कम नहीं। मेरी ससुराल में ससुर की चलती है, जिन्होंने तीनों बेटों की शादी अपनी पसंद से की। मेरी शादी में ससुर को कुछ नहीं मिला, पर मैं एकदम माल थी। सनी और राहुल की बीवियाँ साँवली और काली थीं, इसलिए वो दोनों मेरी चूत के पीछे पड़े थे।

जब तक मेरी शादी नहीं हुई थी, मैं अपनी चूत में दो उंगलियाँ डालकर मजे लेती थी। लेकिन अब, शादी के बाद, लंड की कोई कमी नहीं। अरमान मुझे हर रात चोदता है, और मेरा जिस्म अब किसी पोर्न स्टार की तरह हो गया है। मायके में मैं हड्डी-हड्डी सी थी, पर ससुराल में रोज़ लंड की खुराक मिलने से मेरा बदन गदराया हुआ है। मेरी गाँड अब इतनी फैल गई है कि चलते वक्त लचकती है। सनी की बीवी चार महीने से मायके गई थी और राहुल की बीवी को वो कम ही चोदते थे, क्योंकि उसका रंग काला था। दोनों मेरे जिस्म के दीवाने थे। राहुल तो अक्सर मेरा हाथ पकड़ लेता, सेक्सी इशारे करता, और मुझे चोदने के सपने देखता। सनी भी मौका ढूंढता रहता था।

एक दिन ससुर हरिद्वार तीर्थ करने गए, और घर में सिर्फ मैं, अरमान, सनी और राहुल रह गए। राहुल ने अपनी बीवी को मायके भेज दिया, ताकि मेरी चूत का मज़ा ले सके। रात होते ही तीनों मेरे पास आकर बैठ गए। मेरे दिल में भी वासना की आग सुलग रही थी। मैंने गुलाबी साड़ी पहनी थी, जिसके नीचे लेस वाली जालीदार पैंटी और ब्रा थी। मेरी चूत की दरारें पैंटी से साफ दिख रही थीं। अरमान ने कहा, “मानसी, आज मेरे भाइयों की प्यास बुझा दो। इनकी चूत चोदने की तमन्ना पूरी कर दो।”

मैंने हँसकर कहा, “अगर मुझे किसी का लौड़ा ज़्यादा पसंद आ गया, तो बाद में भी चुदवाऊँगी।”

अरमान ने मुस्कुराते हुए कहा, “मंज़ूर है!”

रात का माहौल गर्म हो गया। तीनों मर्द मेरे इर्द-गिर्द थे, और मेरे जिस्म में वासना की लहरें दौड़ रही थीं। राहुल ने मेरी साड़ी धीरे-धीरे उतारनी शुरू की। उसकी उंगलियाँ मेरे कंधों पर फिसलीं, और मेरी गोरी चमकती त्वचा देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। “मानसी, तुम तो मल्लिका शेरावत से भी ज़्यादा सेक्सी हो,” उसने कहा और मेरे पेटीकोट को ऊपर उठाने लगा। मेरी गोरी, चिकनी टाँगें चमक रही थीं। वो मेरी जांघों को चूमने लगा, उसकी गर्म साँसें मेरी त्वचा पर महसूस हो रही थीं। मैं “आह… आह… स्स्स्स…” की सिसकियाँ लेने लगी।

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इधर, सनी मेरे करीब आया और मेरे ब्लाउज़ पर हाथ फेरने लगा। उसने मेरे होंठों पर किस करना शुरू किया, और ब्लाउज़ के ऊपर से मेरी 36 इंच की चूचियों को दबाने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरे निपल्स को छू रही थीं, जो ब्रा के अंदर सख्त हो चुके थे। मैं “अई… अई… उह्ह… स्स्स्स…” करती रही। उधर, अरमान ने अपने कपड़े उतार दिए और अपना 8 इंच का लंड फेंटने लगा। उसकी आँखों में मेरे लिए हवस साफ दिख रही थी। मैं तीन मर्दों के बीच थी, और मेरी चूत में गीलापन बढ़ता जा रहा था।

राहुल ने मेरा पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे नीचे सरका दिया। मेरी जालीदार पैंटी देखकर उसकी साँसें तेज़ हो गईं। मेरी चूत की दरारें पैंटी से साफ दिख रही थीं। उसने पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को टटोलना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ मेरे चूत के दाने को छू रही थीं, और मैं “उह्ह… स्स्स्स… आह…” करने लगी। सनी ने मेरे ब्लाउज़ के बटन खोले और मेरी ब्रा को हटाकर मेरी चूचियाँ आज़ाद कर दीं। मेरे गोल, भरे हुए दूध देखकर वो पागल हो गया। उसने मेरे निपल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा। मैं “अई… अई… ओह्ह… स्स्स्स…” की आवाज़ें निकाल रही थी।

राहुल ने मेरी पैंटी के ऊपर से चूत चाटना शुरू किया। उसकी जीभ पैंटी के कपड़े को भिगो रही थी, और मेरी चूत से रस टपकने लगा। मैं “स्स्स्स… उह्ह… आह… माँ…” करती रही। उसने पैंटी को धीरे-धीरे नीचे खींचा और मेरी चिकनी जांघों से पैंटी उतार फेंकी। मेरी चूत अब पूरी तरह नंगी थी, और मैं शर्म से अपनी चूत को हाथों से ढकने लगी। राहुल ने मेरे हाथ हटाए और मेरी चूत को किसी भूखे कुत्ते की तरह चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को बार-बार छू रही थी, और मैं “आह… आह… स्स्स्स… उह्ह…” की सिसकियाँ ले रही थी। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरे पूरे बदन में झुरझुरी दौड़ रही थी।

“राहुल जी, ये बात जेठानी को मत बताना,” मैंने हाँफते हुए कहा।

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“चिंता मत कर, मानसी। आज बस तुझे चोदना है,” राहुल ने कहा और मेरी चूत में दो उंगलियाँ डाल दीं। वो तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा। मैं “ओह माँ… आह… उह्ह… स्स्स्स…” चिल्लाने लगी। मेरी चूत में दर्द और मज़ा दोनों हो रहे थे। सनी ने मेरे निपल्स को और ज़ोर से चूसना शुरू किया, और मेरे दूध को मसल रहा था। मैं “अई… अई… ओह्ह…” की आवाज़ें निकाल रही थी। अरमान मेरे सामने खड़ा होकर अपना लंड फेंट रहा था, और उसकी आँखों में मेरे लिए वासना साफ दिख रही थी।

राहुल ने मेरी चूत को 15 मिनट तक चाटा, और मैं एक बार झड़ गई। मेरी चूत से पानी की पिचकारी निकली, जो राहुल के मुँह पर जा गिरी। उसने मेरी चूत में उंगलियाँ डालकर और तेज़ी से अंदर-बाहर की, और मैं “ओह माँ… उह्ह… आह… स्स्स्स…” चिल्लाती रही। मेरी गाँड हवा में उठ रही थी, और मेरे पूरे बदन में वासना की आग लगी थी।

“मानसी, अब हमारे लौड़े चूस,” राहुल ने कहा।

“हाँ भाभी, मेरा लंड चूसो,” सनी ने उत्साह से कहा।

तीनों बेड पर लेट गए। सबसे पहले मैंने राहुल का 12 इंच का लंड पकड़ा। वो इतना मोटा और लंबा था कि मेरे हाथ में मुश्किल से आ रहा था। “जेठ जी, ये इतना बड़ा कैसे?” मैंने पूछा।

“तेरी जेठानी रोज़ सरसों के तेल से मालिश करती है,” राहुल ने हँसते हुए कहा।

मैंने उसका लंड फेंटना शुरू किया और फिर मुँह में ले लिया। उसका सुपाड़ा मेरे मुँह में मुश्किल से समा रहा था। मैं “उम्म… उम्म…” की आवाज़ें निकालते हुए चूस रही थी। फिर मैं सनी के पास गई। उसका 10 इंच का लंड भी लोहे की तरह सख्त था। मैंने उसे चूसा और उसकी गोलियों को सहलाया। वो “स्स्स्स… आह…” कर रहा था। आखिर में मैंने अरमान का 8 इंच का लंड चूसा, जो मेरे लिए सबसे जानलेवा था।

राहुल ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टाँगें फैलाकर अपनी चूत में लंड डालना शुरू किया। उसका सुपाड़ा इतना मोटा था कि मेरी चूत में घुसने में दिक्कत हो रही थी। मैं “आह… आह… धीरे… जेठ जी…” चिल्लाई। लेकिन वो नहीं रुका। धीरे-धीरे उसका पूरा 12 इंच का लंड मेरी चूत में समा गया। वो तेज़ी से चोदने लगा, और मेरी चूत से “घच-घच” की आवाज़ें आने लगीं। मैं “आह… उह्ह… स्स्स्स… ओह माँ…” की सिसकियाँ ले रही थी। सनी ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, और मैं उसे चूसने लगी। एक तरफ जेठ मेरी चूत पेल रहा था, दूसरी तरफ सनी का लंड मेरे मुँह में था।

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राहुल ने मेरी चूचियों को मसलना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ मेरे निपल्स को चुटकी में दबा रही थीं। मैं “अई… अई… उह्ह…” चिल्ला रही थी। मेरी चूत से सीटी की आवाज़ आ रही थी। राहुल ने 20 मिनट तक मुझे चोदा, और फिर हट गया। अब सनी की बारी थी। उसने मेरी चूत को फिर से चाटना शुरू किया। उसकी जीभ मेरे चूत के दाने को बार-बार छू रही थी, और मैं “मम्मी… स्स्स्स… आह… उह्ह…” चिल्ला रही थी। सनी ने मेरे चूत के होंठों को दाँतों से हल्के-हल्के काटा, जिससे मेरे बदन में करंट दौड़ गया।

सनी ने अपना 10 इंच का लंड मेरी चूत में डाला और चोदना शुरू किया। वो मेरे ऊपर लेट गया और मेरे होंठों को चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं “उम्म… उम्म… आह…” की आवाज़ें निकाल रही थी। वो मेरे गाल, गले और कानों को चूम रहा था, जिससे मेरे बदन में झुरझुरी हो रही थी। सनी ने 17 मिनट तक मुझे चोदा, और मैं फिर से झड़ गई। मेरी चूत से रस टपक रहा था।

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अब अरमान की बारी थी। मेरे पति ने मुझे अपनी बाहों में लिया और मेरे होंठों को चूसना शुरू किया। उसका 8 इंच का लंड मेरी चूत में आसानी से चला गया। वो मुझे धीरे-धीरे चोदने लगा, और मैं “आह… उह्ह… स्स्स्स…” की सिसकियाँ ले रही थी। फिर तीनों ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गाँड चोदना शुरू किया। राहुल का मोटा लंड मेरी गाँड में मुश्किल से घुसा, और मैं “आह… मम्मी… धीरे…” चिल्लाई। लेकिन वो रुका नहीं। सनी और अरमान ने भी मेरी गाँड चोदी, और मैं पूरी रात “हूँउउउ… हूँउउउ… स्स्स्स… आह…” की आवाज़ें निकालती रही।

दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? ज़रूर बताना।

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