मेरा नाम साहिल खन्ना है, उम्र १९ साल, और मैं पंजाब के एक छोटे शहर में एक इलेक्ट्रॉनिक शॉप पर सेल्समैन हूँ। मेरा घर दो खूबसूरत पंजाबी बहनों, अवनीत और अश्नूर, के घर के ठीक सामने है। अवनीत २१ साल की है, थोड़ी गोल-मटोल, लेकिन उसकी स्मार्टनेस और कर्व्स कमाल के हैं। उसका फिगर ३४-३०-३८ है, खासकर उसकी भारी गांड टाइट जीन्स में इतनी मस्त लगती है कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। अश्नूर १९ साल की है, पतली लेकिन कर्व्स इतने परफेक्ट कि उसकी चाल में आग सी लगती है। उसका फिगर ३२-२८-३६ है। दोनों बहनें हमेशा टाइट जीन्स और फिटिंग टॉप पहनती हैं, जिससे उनकी चूचियाँ और गांड साफ उभरकर दिखती हैं। उनकी माँ, रजनी आंटी, ४० साल की हैं, सख्त मिजाज लेकिन दोस्ताना। उनका भाई हरमन, १८ साल का, अक्सर दोस्तों के साथ बाहर रहता है।
मेरे और इनके परिवार का काफी आना-जाना था। मैं अक्सर उनके घर छोटे-मोटे काम के लिए जाता था। अवनीत और अश्नूर से मेरी अच्छी दोस्ती थी, लेकिन मैंने कभी उन्हें गलत नजर से नहीं देखा। पर उनकी टाइट जीन्स में उभरी गांड और टॉप में दबी चूचियाँ देखकर मेरा ८ इंच लंबा और ३ इंच मोटा लंड कई बार बेकाबू हो जाता था। रात को उनके बारे में सोचकर मैं ५-६ बार मुठ मार लेता, लेकिन मन की प्यास नहीं बुझती थी।
एक दिन रजनी आंटी मेरी शॉप पर आईं, थोड़ी परेशान। बोलीं, “साहिल, मैं दो दिन के लिए पंजाब जा रही हूँ। हमारा म्यूजिक सिस्टम खराब हो गया है, तू घर जाकर देख लेना। अवनीत और अश्नूर घर पर होंगी, वो बता देंगी।” मैंने हाँ कहा, और वो चली गईं। मेरे दिमाग में उसी वक्त अवनीत और अश्नूर की टाइट जीन्स वाली गांड घूमने लगी। मैंने सोचा, “अगर मौका मिला, तो देखता हूँ क्या हो सकता है।”
शाम को मैं उनके घर पहुँचा। दरवाजा अश्नूर ने खोला। वो टाइट ब्लू जीन्स और काले टॉप में थी, जिससे उसकी ३२ साइज की चूचियाँ साफ उभर रही थीं। उसने मुस्कुराकर कहा, “आ जा साहिल, दीदी अंदर है।” मैं अंदर गया तो अवनीत लिविंग रूम में टेबल पर किताब रखकर खड़ी होकर पढ़ रही थी। वो टाइट ग्रे जीन्स और सफेद टॉप में थी, उसकी ३८ साइज की गांड इतनी भारी और गोल थी कि मेरी नजरें उसी पर अटक गईं। दोनों की जीन्स इतनी टाइट थीं कि उनकी गांड की शेप साफ दिख रही थी। मेरा लंड पजामे में तनने लगा।
तभी हरमन आया, अपनी बहनों से बोला, “मैं दोस्तों के साथ जा रहा हूँ, देर से आऊँगा।” और निकल गया। मैंने राहत की साँस ली। मैंने अवनीत से पूछा, “म्यूजिक सिस्टम कहाँ है?” वो बोली, “आ, मेरे साथ बेडरूम में चल।” वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई। म्यूजिक सिस्टम टेबल पर था। मैंने उसे चेक करना शुरू किया, लेकिन मेरा ध्यान अवनीत की गांड पर था। वो पास में खड़ी थी, और उसकी जीन्स में उसकी गांड इतनी सेक्सी लग रही थी कि मेरा लंड पूरा तन गया, पजामे के ऊपर से साफ दिखने लगा।
अवनीत ने मेरे लंड को देखा और हँसते हुए बोली, “साहिल, तेरे पजामे में तो तंबू बन गया!” मैंने शरमाते हुए कहा, “ये सब तेरी मस्त गांड की वजह से है। तू इतनी सेक्सी है कि मेरा लंड बेकाबू हो गया।” वो बोली, “सच में? मैंने तो कुछ किया ही नहीं।” मैंने कहा, “तेरी जीन्स और तेरी गांड ही काफी है। मैं तो तुझें देखकर हर रात मुठ मारता हूँ, लेकिन मेरे लंड की प्यास नहीं बुझती।”
वो शरारती अंदाज में बोली, “तो आज अपनी प्यास बुझा ले, और मेरी चूत की आग भी ठंडी कर दे।” ये सुनकर मैंने उसे बाहों में खींच लिया और उसके होंठ चूमने लगा। उसके होंठ इतने नर्म और रसीले थे कि मैं पागल हो रहा था। वो भी मेरे होंठ चूस रही थी, “उउहह… साहिल… कितना मस्त चूमता है…” मैंने उसके टॉप के ऊपर से उसकी ३४ साइज की चूचियाँ दबानी शुरू कीं। उसका टॉप इतना टाइट था कि चूचियाँ बाहर निकलने को बेताब थीं।
मैंने उसका टॉप ऊपर किया और उसकी काली ब्रा के ऊपर से चूचियाँ चूसने लगा। वो सिसक रही थी, “आआहह… साहिल… मेरी चूचियाँ चूस ले… उउहह… हाए रब्बा…” मैंने उसकी ब्रा खोल दी। उसकी गोल, मुलायम चूचियाँ मेरे सामने थीं, निप्पल्स सख्त और गुलाबी। मैंने एक चूची मुँह में ली और दूसरी को जोर-जोर से दबाने लगा। वो चिल्ला रही थी, “हाए… साहिल… और जोर से चूस… मेरी चूत गीली हो रही है…” उसने मेरे पजामे में हाथ डाला और मेरे ८ इंच के लंड को सहलाने लगी। उसका गर्म हाथ मेरे लंड पर चल रहा था, और मैं और उत्तेजित हो गया।
मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला, जिपर नीचे की, और धीरे-धीरे जीन्स नीचे सरकाई। उसकी काली पैंटी पूरी तरह गीली थी। मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला, उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरी उंगलियाँ आसानी से अंदर-बाहर हो रही थीं। वो चीख रही थी, “आआहह… साहिल… मेरी चूत में उंगली डाल… उउहह… हाए रब्बा…” मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसे बेड पर लिटाया। उसकी चूत गुलाबी और गीली थी, जैसे मुझे बुला रही हो। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसका स्वाद नमकीन और उत्तेजक था। वो अपनी कमर उछाल रही थी, “आआहह… साहिल… मेरी चूत चाट… हाए… कितना मस्त लग रहा है…”
तभी अश्नूर कमरे में आ गई और हमें देखकर चौंक गई। “हाए रब्बा! ये क्या कर रहे हो?” वो चिल्लाई। अवनीत ने उसे साइड में लिया और समझाने लगी, लेकिन अश्नूर नाराज थी। मैंने उसे पास बुलाया, “अश्नूर, तू क्यों मूड खराब कर रही है? आ जा, तू भी मजा ले।” वो हिचकिचाई, बोली, “पक्का किसी को नहीं बताएगा ना?” मैंने कहा, “बिल्कुल नहीं।” वो मान गई और कमरे में आ गई।
हम तीनों ने कपड़े उतारने शुरू किए। अवनीत की जीन्स और पैंटी पहले ही उतर चुकी थी। अश्नूर ने अपनी जीन्स का बटन खोला और धीरे-धीरे उसे नीचे सरकाया। उसकी लाल पैंटी में उसकी चूत की शेप साफ दिख रही थी। मैंने उसका टॉप और ब्रा उतार दी। उसकी ३२ साइज की चूचियाँ छोटी लेकिन सख्त थीं, निप्पल्स भूरे और सख्त। मैंने दोनों को बेड पर बिठाया और अपना पजामा उतार दिया। मेरा ८ इंच का लंड तना हुआ था।
अवनीत ने मेरे लंड को हाथ में लिया, “हाए, साहिल, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है!” उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर चल रही थी, और मैं सिसक रहा था, “आआहह… अवनीत… कितना मस्त चूस रही है…” अश्नूर मेरे टट्टों को चाट रही थी। दोनों बहनों की जीभ मेरे लंड और टट्टों पर चल रही थी। मैंने अवनीत के बाल पकड़े और उसका मुँह अपने लंड पर दबाया। वो गप-गप की आवाज के साथ चूस रही थी। १० मिनट बाद मैं झड़ गया, सारा वीर्य अवनीत के मुँह में छोड़ दिया। उसने उसे पी लिया, और अश्नूर ने मेरे लंड को चाटकर साफ किया।
अवनीत बोली, “साहिल, अब मेरी चूत चोद। मेरी चूत तेरा लंड माँग रही है।” मेरा लंड ढीला था, तो अश्नूर ने उसे मुँह में लिया और चूस-चूसकर खड़ा कर दिया। मैंने अवनीत को बेड पर लिटाया, उसकी टाँगें फैलाईं, और उसकी चूत में लंड डाला। “आआआहह… साहिल… हाए रब्बा… तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा…” वो पंजाबी टोन में चीख रही थी। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत गीली और गर्म थी, और मेरा लंड पूरा अंदर तक जा रहा था। हर धक्के के साथ उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ीं और जोर-जोर से दबाने लगा। वो सिसक रही थी, “हाए… साहिल… और जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे… उउहह…”
मैंने १५ मिनट तक उसकी चूत मारी, हर धक्के के साथ उसकी सिसकियाँ तेज हो रही थीं। फिर मैंने उसकी गांड की तरफ ध्यान दिया। “अवनीत, अब तेरी गांड मारूँगा।” वो डर गई, “साहिल, मेरी गांड का छेद टाइट है।” अश्नूर बोली, “रुक, मैं गीली कर देती हूँ।” उसने अवनीत की गांड चाटना शुरू किया, उसका छेद गीला और चिकना हो गया। मैंने धीरे से लंड उसकी गांड में डाला। “आआआहह… साहिल… मेरी गांड फट रही है… उउहह… हाए रब्बा…” वो चीख रही थी। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड पूरा जाम हो रहा था। अश्नूर ने अपनी चूत अवनीत के मुँह पर रख दी, “दीदी, मेरी चूत चाट।” अवनीत उसकी चूत चाटने लगी।
मैंने अवनीत की गांड को १० मिनट तक मारा, हर धक्के के साथ उसकी सिसकियाँ और तेज हो रही थीं, “आआहह… साहिल… और जोर से… मेरी गांड मार… उउहह…” मैं झड़ गया और सारा वीर्य उसकी गांड में छोड़ दिया। अब अश्नूर की बारी थी। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत में लंड डाला। “आआहह… साहिल… तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा… उउहह… हाए रब्बा…” वो पंजाबी टोन में सिसक रही थी। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत अवनीत से ज्यादा टाइट थी, और हर धक्के के साथ वो चीख रही थी। अवनीत पास में अपनी चूत सहला रही थी और मेरे लंड को चाट रही थी जब वो बाहर आता था।
मैंने अश्नूर की चूत को २० मिनट तक मारा। हर धक्के के साथ उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और वो चिल्ला रही थी, “साहिल… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दे… आआहह…” मैंने उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं और और जोर से धक्के मारे। उसकी चूत से पानी टपक रहा था। मैं फिर झड़ गया और सारा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने उसे चाटकर साफ किया।
दोनों बहनें ३-३ बार झड़ चुकी थीं। उनकी चूत और गांड से पानी टपक रहा था। हम तीनों नंगे बेड पर लेट गए। मैं बीच में था, मेरे दोनों हाथ उनकी चूत में थे। अवनीत बोली, “साहिल, तूने तो हमें पागल कर दिया।” अश्नूर ने कहा, “हाए, मेरी चूत अभी भी तेरा लंड माँग रही है।” हमने थोड़ी देर आराम किया, फिर रात भर चुदाई की।
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